नई दिल्ली, एंटरटेनमेंट डेस्क : दुख-पीड़ा ,संघर्ष और तमाम तरह के उतार-चढ़ावों को पार कर अभिनेत्री रूपा गांगुली ने जीवन संग्राम में विजय प्राप्ति की है। रूपा गांगुली आज कई लोगों के लिए प्रेरणा बनी हुई हैं। स्वयं भी वह महिलाओं के उत्थान के लिए प्रयास करती रहती हैं और अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वाह करती हैं। एक अदाकारा के तौर पर भी किरदारों में ढल जाने की कला जानती हैं। उन्होंने फिल्मों में, टीवी धारावाहिकों में बेहतरीनअभिनय किया हैं। आज अभिनेत्री रूपा गांगुली का जन्मदिन (25 नवंबर 1966) है। इस मौके पर जानिए, उनके जीवन से जुड़ी कुछ जानी-अनजानी बातें।
द्रौपदी के किरदार ने दी अलग पहचान
रूपा गांगुली का अभिनय करियर अच्छा चल रहा था, ऐसे में उन्होंने निजी जीवन में भी विवाह करके सेटल होने का सोचा। ध्रुबो मुखर्जी नाम के एक शख्स से उन्होंने 1992 में शादी की। यह शादी उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती साबित हुई। पति के खराब व्यवहार ने उन्हें भीतर तक तोड़कर रख दिया। नौबत यहां तक आ गई कि रूपा गांगुली ने आत्महत्या का प्रयास किया, एक बार नहीं बल्कि तीन बार उन्होंने ऐसा किया। हर बार किस्मत उनका साथ देती और उनका जीवन बच जाता है। लेकिन 1997 में बेटे आकाश के जन्म के बाद रूपा गांगुली जिंदगी ने दूसरा अवसर दिया। खुद को फिर खड़ा किया, अभिनय करना शुरू किया।
खुद के आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को वापस हासिल किया। आखिर में ध्रुबो मुखर्जी से उन्होंने अलग होने का फैसला किया और वह मुंबई आ गईं। यहां आकर उन्होंने अपने अभिनय करियर पर पूरी तरह से ध्यान दिया। पति से अलगाव के दौरान ही रूपा को दोबारा प्रेम भी हुआ। रूपा गांगुली को एक बंगाली गायक दिव्येंदु मुखर्जी से प्रेम और सम्मान दोनों मिला। यह दोनों लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहे। अब यह दोनों साथ नहीं है, इसके बावजूद इनके बीच एक सम्मान वाला संबंध बना हुआ है।
मां होने का भी निभा रही हैं फ़र्ज़
रूपा गांगुली पति से अलग होने के बाद मुंबई चली आई थीं, लेकिन उन्होंने अपने बेटे को पिता के साथ ही रहने दिया। बेटे की कस्टडी के लिए किसी तरह का केस नहीं लड़ा। अब रूपा का बेटा बड़ा हो चुका है। ऐसे में उन्होंने बेटे को अपनी पूरी स्थिति समझा दी। आज बेटे और उनके बीच एक अच्छा और प्यार रिश्ता है।
महिला मुद्दों पर रहीं मुखर-राजनीति में हुईं सक्रिय
रूपा गांगुली सिर्फ फ़िल्मी दुनिया में ही सक्रिय नहीं रही, वह महिला मुद्दों को लेकर भी काफी मुखर रही हैं। यही कारण है कि वह राजनीति में आईं। वह वर्ष 2015 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और बंगाल में महिलाओं से जुड़े मुद्दे उठाती रहीं। वर्ष 2016 में रूपा गांगुली को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। संसद में भी वह महिलाओं से जुड़े विषय उठाती रहीं, जिससे की आधी आबादी के जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आए।