कानपुर ,संवाददाता : एसआईटी के पास जमीन संबंधी मामलों में कर्मचारी नेता और सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी शिकायतें पहुंची हैं। इसमें जमीन कब्जा करने और उसकी सेटिंग कराने के गंभीर आरोप हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने जमीन के दस्तावेज तैयार कराने और उसको बिकवाने में सहयोग किया है।
कानपुर शहर में तैनात रहे ऋषिकांत शुक्ला समेत तीन क्षेत्राधिकारियों, इंस्पेक्टर और केडीए के पूर्व और वर्तमान उपाध्यक्ष के पीए के खिलाफ एसआईटी को अखिलेश दुबे के साथ जमीन के कारोबार और आर्थिक लेनदेन में संलिप्त होने के साक्ष्य मिले हैं। परिजनों के नाम कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये का टर्नओवर की बात भी पता चली है। यह साक्ष्य शिकायतकर्ताओं ने पुलिस के अधिकारियों को दिए हैं।उन्होंने पहले आरोप लगाया था फिर बयान देने के दौरान इन्हें साक्ष्य भी उपलब्ध करा दिए।
सूत्र बताते हैं कि एसआईटी के अधिकारी नोटिस जारी होने वाले छह सरकारी कर्मियों से सवाल-जवाब कर सकते हैं। पुलिस कमिश्नरी के अधिकारियों के मुताबिक, अखिलेश दुबे और उसके साथियों की कई संपत्तियां कानपुर और अन्य शहरों में हैं। इनकी जांच पुलिस के साथ ही जिला प्रशासन, केडीए और अन्य विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। इनकी जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एसआईटी और कमिश्नरी के अधिकारी अभी खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।
सस्ते दामों पर खरीदीं विवादित जमीनें
एसआईटी के सामने शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि जिले में तैनाती के समय तीनों सीओ वर्तमान में मैनपुरी में तैनात सीओ ऋषिकांत शुक्ला, लखनऊ में सीओ विकास पांडेय, हरदोई में सीओ संतोष सिंह और केडीए उपाध्यक्ष के पूर्व पीए महेंद्र सोलंकी, मौजूदा केडीए वीसी के पीए कश्यपकांत दुबे, इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी ने अखिलेश दुबे और उसके कुछ सहयोगियों के साथ मिलकर सस्ते दामों पर विवादित जमीनें खरीदी
वादी दे चुके हैं कई साक्ष्य
ये जमीनें बिठूर, नौबस्ता, किदवईनगर आदि स्थानों पर खरीदी गई हैं। अब इन जमीनों को महंगे दामों पर बेचा जा रहा है। उनको इस संबंध में जमीनों के कुछ साक्ष्य भी दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश दुबे और साथियों के खिलाफ एफआईआर कराने वाले वादी भी कई साक्ष्य दे चुके हैं।
कागजी दस्तावेज के साथ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य
एसआईटी के पास साकेतनगर की महिला कारोबारी, तात्याटोपेनगर के होटल व्यवसायी समेत 12 से अधिक शिकायतों की जांच में से नौ की जांच शनिवार तक लगभग पूरी हो चुकी है। शनिवार को तीन शिकायकर्ताओं ने बयान दर्ज कराए। कुछ ने कागजी दस्तावेज के साथ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी दिए हैं। अब कमिश्नरी पुलिस के अधिकारियों के निर्देश पर एफआईआर कराई जाएगी।
कर्मचारी नेता समेत पहुंची पार्टी कार्यकर्ताओं की शिकायतें
एसआईटी के पास जमीन संबंधी मामलों में कर्मचारी नेता और सत्ताधारी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ भी शिकायतें पहुंची हैं। इसमें जमीन कब्जा करने और उसकी सेटिंग कराने के गंभीर आरोप हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों ने जमीन के दस्तावेज तैयार कराने और उसको बिकवाने में सहयोग किया है। कुछ जगहों पर गवाही भी दी है। अखिलेश दुबे और उसके साथियों का उन पर हाथ रहा है।