आंध्र प्रदेश : 100 किमी की गति से टकराया ‘मोंथा’, एक की मौत

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नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : चक्रवाती तूफान मोंथा आंध्र प्रदेश की तटों को पार कर ओडिशा की ओर बढ़ गया है। इस तूफान का असर ओडिशा के कई जिलों में देखने को मिला। इस तूफान के कारण कुल 15 जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुई है।

हालांकि मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मोंथा तूफान धीरे-धीरे कमजोर पड़ रहा है और जो अनुमान लगाए गए थे उससे इसकी तीव्रता बेहद कम है।

1 की मौत, 2 घायल
मोंथा तूफान की वजह से कम से कम एक शख्स की मौत हो गई है। दरअसल कोनासीमा जिले में एक बुजुर्ग महिला के घर पर पेड़ गिरने से उनकी मौके पर मौत हो गई। इसके अलावा तेज हवाओं के कारण नारियल के पेड़ उखड़ने से एक लड़का और एक ऑटो चालक घायल हो गए।

कब पहुंचा मोंथा ?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि शाम लगभग 7 बजे तूफान के आने की प्रक्रिया शुरू हुई। विभाग ने कहा कि यह मौसम प्रणाली मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास आंध्र प्रदेश के तट को पार करते हुए निकल गई।

आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के काकीनाडा, कृष्णा, एलुरु, पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, डॉ. बी.आर. अंबेडकर कोनासीमा, तथा चिंतुरू और रामपचोदवरम संभागों में चक्रवात का सबसे अधिक प्रभाव देखा जा रहा है।

राज्य सरकार ने मंगलवार रात 8.30 बजे से बुधवार सुबह 6 बजे तक इन सात जिलों में सभी वाहनों की आवाजाही स्थगित करने का आदेश दिया है। चक्रवात के राज्य भर के 22 जिलों के 403 मंडलों को प्रभावित करने की आशंका है। आईएमडी ने चेतावनी दी है कि चक्रवात निचले और जलमग्न क्षेत्रों में खड़ी धान और सब्जियों की फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे जहां तक संभव हो, खेतों से अतिरिक्त पानी निकाल दें।

मोंथा का अर्थ
थाई भाषा में ‘मोंथा’ का अर्थ सुगंधित फूल होता है। इस बार इस च्रकवाती तूफान का नाम थाईलैंड की ओर से रखा गया है। साल 2004 से ही चक्रवातों के नामकरण की प्रथा की शुरूआत हुई। इससे तूफानों को समझने और इसकी जागरूकता में आसानी होती है।

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