ट्रंप ने चार्ली कर्क के मर्डर से Antifa को घोषित किया आतंकी संगठन

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नई दिल्ली , डिजिटल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एंटीफा (Antifa Terror Organisation) को ‘प्रमुख आतंकी संगठन’ घोषित कर दिया। यह ऐलान उनके करीबी सहयोगी और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चार्ली कर्क की हत्या के कुछ ही दिन बाद आया है।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रूथ सोशल पर चेतावनी दी कि एंटीफा को फंड करने वालों की सख्त जांच होगी। उन्होंने लिखा, “मैं अपने देशभक्तों को बताना चाहता हूं कि एंटीफा एक खतरनाक और बीमार वामपंथी आपदा है, उसे मैं आतंकी संगठन घोषित कर रहा हूं। इसके फंडरों की जांच भी सख्ती से होगी।”

 

एंटीफा का पूरा नाम ‘एंटी-फासिस्ट’ है। यह वामपंथी समूहों का एक नेटवर्क है। ये लोग दक्षिणपंथी और कथित फासीवादी ताकतों का विरोध करते हैं। ट्रंप ने पांच साल पहले भी, मई 2020 में, एंटीफा को आतंकी संगठन घोषित करने की बात कही थी, लेकिन अब यह कदम औपचारिक रूप से उठाया गया है।

चार्ली कर्क की हत्या

चार्ली कर्क टर्निंग पॉइंट यूएसए के सह-संस्थापक थे। उनकी 10 सितंबर को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक इवेंट के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। 31 साल के कर्क को एक गोली उनकी गर्दन में लगी, और हमलावर भीड़ में मिलकर फरार हो गया। ट्रंप ने उनकी मौत की खबर सोशल मीडिया पर साझा करते हुए कर्क को “महान और दिग्गज” बता दिया।

पुलिस ने 22 साल के टायलर रॉबिन्सन को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है। जांचकर्ताओं के मुताबिक, रॉबिन्सन कॉलेज की भीड़ में आसानी से घुल-मिल गया क्योंकि वह उम्र में छात्र जैसा दिखता था। रॉबिन्सन ने अपनी ट्रांसजेंडर पार्टनर को टेक्स्ट में कबूल किया कि उसने कर्क की हत्या की क्योंकि वह उनकी नफरत से तंग आ चुका था। उसने बताया कि उसने इस हत्या का प्लान एक हफ्ते से ज्यादा समय से बना रखा था।

एंटीफा क्या है और क्यों है विवादों में?

सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के मुताबिक, एंटीफा एक विकेंद्रित वामपंथी नेटवर्क है जो कथित फासीवादी और दक्षिणपंथी चरमपंथियों का विरोध करता है। इसके प्रतीक में 1917 की रूसी क्रांति का लाल झंडा और 19वीं सदी के अराजकतावादियों का काला झंडा शामिल है।

एंटीफा के लोग अक्सर दक्षिणपंथी रैलियों में विरोध प्रदर्शन करते हैं और सोशल मीडिया, सिग्नल जैसे मैसेजिंग ऐप्स और एन्क्रिप्टेड नेटवर्क के जरिए अपनी गतिविधियां चलाते हैं।

व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने हाल ही में कहा था कि कर्क ने अपनी आखिरी बातचीत में वामपंथी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। मिलर ने यह बात “द चार्ली कर्क शो” में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ साझा की।

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