संवादाता,फतेहपुर : एसटीएफ के हाथ लगने से पहले मोहम्मद उमर गौतम की तकरीर के कई वीडियो यूट्यूब पर अपलोड थे। वीडियो में वह धर्म और दूसरे धर्म के लोगों को इस्लाम कबूल कराने के लिए प्रेरित करता था। तकरीर के वीडियो ही उसके गले की फांस बन गए।
मोहम्मद उमर गौतम अलीगढ़ जिले के गरीब बस्तियों में अपनी पैठ बना रहा था।उम्र गौतम यहां रहने वाले लोगों की छोटी मोटी मदद करने के लिए एक टीम भी बना लिया था। मदद के नाम पर उमर गौतम गरीब परिवारों के घरों में जाकर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए बोलता था । कई प्रकार के लालच देता था । एटीएस की जांच में भी यह बात सामने निकल कर आई ।
अवैध धर्मांतरण और अन्य अपराधों में उम्रकैद की सजा पाने वाले मोहम्मद उमर गौतम का अलीगढ़ से पुराना लगाव कहा जा रहा है। वह यहां आयोजित होने वाले कई धार्मिक कार्यक्रमों में भी सम्मिलित हुआ था। एएमयू में हुए कई कार्यक्रमों में भी उमर गौतम आया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद एटीएस एएमयू में भी जांच करने पहुंची थी।
उस वक्त अलीगढ़ में ही 10 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई थी। एएमयू के माली नवीन का नाम भी उस वक्त काफी उछला था। कहा तो यहां तक गया था कि नवीन का भी धर्म परिवर्तन कराया गया है मगर बाद में खुद ही उसने इसका खंडन किया था। एजेंसी की जांच में यह बात जरूर सामने आ गई थी कि उमर ने मलिन बस्तियों में अपनी घुश पैठ बनानी शुरू कर दी थी।