नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को 20वें जी20 लीडर्स समिट 2025 के मौके पर भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (IBSA) नेताओं की मीटिंग में शामिल हुए। मीटिंग को दक्षिण अफ्रीका के प्रेसिडेंट सिरिल रामफोसा ने होस्ट किया और इसमें ब्राज़ील के प्रेसिडेंट लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि IBSA सिर्फ़ तीन देशों का ग्रुप नहीं है, बल्कि तीन कॉन्टिनेंट्स, तीन बड़े डेमोक्रेटिक देशों और तीन बड़ी इकॉनमी को जोड़ने वाला एक ज़रूरी प्लेटफ़ॉर्म है। पीएम मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस संस्थाएं 21वीं सदी की असलियत से बहुत दूर हैं।
उन्होंने IBSA से यह कड़ा संदेश देने को कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस की संस्थाओं, खासकर UN सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार अब कोई ऑप्शन नहीं, बल्कि ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-
वहीं, इस मीटिंग को सही समय पर हुई मीटिंग बताते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अफ्रीका की धरती पर पहले जी20 समिट के साथ हुई और ग्लोबल साउथ देशों द्वारा लगातार चार जी20 प्रेसीडेंसी का समापन था, जिनमें से आखिरी तीन IBSA सदस्यों द्वारा की गईं। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे में ह्यूमन-सेंट्रिक डेवलपमेंट, मल्टीलेटरल रिफॉर्म और सस्टेनेबल ग्रोथ पर फोकस करने वाली कई ज़रूरी पहलें हुई हैं।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर, प्रधानमंत्री मोदी ने करीबी तालमेल की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि आतंकवाद से लड़ते समय दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। इंसानी विकास को पक्का करने में टेक्नोलॉजी की अहम भूमिका पर ज़ोर देते हुए, पीएम मोदी ने तीनों देशों के बीच UPI जैसे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, CoWIN जैसे हेल्थ प्लेटफॉर्म, साइबर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क और महिलाओं के नेतृत्व वाली टेक पहल को शेयर करने में मदद के लिए ‘IBSA डिजिटल इनोवेशन अलायंस’ बनाने का प्रस्ताव रखा।
प्रधानमंत्री ने सुरक्षित, भरोसेमंद और इंसानी AI नियमों के विकास में योगदान देने की IBSA की क्षमता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने अगले साल भारत में होने वाले AI इम्पैक्ट समिट में IBSA नेताओं को बुलाया।
इसके अतिरिक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सोलर एनर्जी जैसे सेक्टर में चालीस देशों में प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करने में IBSA फंड के काम की तारीफ़ करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने साउथ-साउथ सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए क्लाइमेट रेजिलिएंट एग्रीकल्चर के लिए IBSA फंड का प्रस्ताव रखा।
पीएम मोदी ने कहा कि IBSA एक-दूसरे के विकास में मदद कर सकता है और सस्टेनेबल ग्रोथ के लिए एक मिसाल बन सकता है। साथ ही उन्होंने बाजरा, नेचुरल खेती, आपदा से लड़ने की क्षमता, ग्रीन एनर्जी, पारंपरिक दवाइयां और हेल्थ सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग के मौकों पर ज़ोर दिया।
