नई दिल्ली, एनएआई : उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सामूहिक मतांतरण प्रकरण की सुनवाई में मौलवी मौलाना कलीम सिद्दीकी रोड़े अटका रहा है। सिद्दीकी पर राज्य के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने भारत में मतांतरण सिंडिकेट चलाने का आरोप लगाया है।
‘ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में रोड़े अटकाने का प्रयास कर रहे सिद्दीकी’
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस संजय कुमार की पीठ को अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) गरिमा प्रसाद ने कहा कि सिद्दीकी और प्रकरण के अन्य आरोपित ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही में रोड़े अटकाने की प्रयास कर रहे हैं। आरोपों से इनकार करते हुए सिद्दीकी की ओर से पेश एडवोकेट ने कहा कि पिछले एक वर्ष में मुकदमे के दौरान 11 गवाहों से पूछताछ किया जा चुका है। एएजी ने पीठ से तीनो आरोपियो की जमानत रद करने का अनुरोध किया।
पीठ ने राज्य सरकार को 19 मार्च तक प्रकरण में हलफनामा दायर करने की अनुमति दी। प्रकरण की अगली सुनवाई दो अप्रैल को होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका दायर कर दिया है, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा सिद्दीकी को दी गई जमानत को रद करने की मांग की गई है।
मेरठ से गिरफ्तार किया गया था सिद्दीकी
पिछले वर्ष अप्रैल में हाई कोर्ट ने सिद्दीकी को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया था। सिद्दीकी को 100 से ज्यादा लोगों का मतांतरण कराने के आरोप में मेरठ से गिरफ्तार किया गया था।