भदोही,संवाददाता : पूर्व विधायक विजय मिश्र और उनके परिवार की मुश्किलें और बढ़ गई है। अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने 7 वर्ष पूर्व के एक प्रकरण में जालसाजी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया है। अभियोजन मनोज मिश्रा के अनुसार उनके रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी कौलापुर धनापुर के निवासी हैं।
उनके यहां आते-जाते उनकी मुलाकात पूर्व विधायक विजय मिश्र, उनकी पत्नी पूर्व एमएलसी रामलली मिश्र, भतीजे डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्र और बेटे विष्णु मिश्रा से हुई। उस दौरान चारों लोगों ने पांच करोड़ का ठेका दिलाने की बात कहकर एडवांस मांगा। जिस पर विश्वास में आकर मैने चार अगस्त 2016 को अपने खाते से तीन लाख निकालकर नकद दे दिया।
उसके बाद सात सितंबर को उन लोगों के कहने पर ललीरा इंडक्शन कंपनी के खाते में 24 लाख रुपये भेजा। उसके बाद भी उसे काम नहीं दिलाया गया। कई बार कहने के बाद भी सिर्फ दौड़ाया गया। उनके रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी को सादे स्टांप पेपर पर लिखकर कहने के लिए कहा गया कि पैसा मिल गया है। इस दौरान पूर्व विधायक एवं उनके परिवार के लोगों ने जान से मारने की धमकी दिया।
एक बार जंगीगंज बाजार में मारपीट कर नीचे गिरा दिया। न्याय न मिलने पर कोर्ट में धारा 200 के तहत अपना बयान दर्ज कराया। कोर्ट ने परिवादी की तरफ से साक्षीगण का बयान दर्ज किया गया। कोर्ट ने साक्ष्यों का अवलोकन करने पर प्रथम दृष्टया पूर्व विधायक एवं उनके कुनबे को दोषी मानते हुए गोपीगंज पुलिस को पूर्व विधायक विजय मिश्र, पूर्व एमएलसी रामलली मिश्र और बेटे विष्णु मिश्र एवं डीघ ब्लॉक प्रमुख मनीष मिश्रा, के खिलाफ जालसाजी, मारपीट, धमकी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना का आदेश दिया। वादी की तरफ से अधिवक्ता तेज बहादुर यादव ने पैरवी किया।