एजेंसी , काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। इस घोषणा पर लोगों ने गुस्से से लेकर राहत तक, मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की। नेपाली नागरिकों ने उन पर एक भ्रष्ट और दमनकारी सरकार चलाने का आरोप लगाया और कुछ ने कहा, ”ओली का अहंकार राख हो गया है।”
एक नागरिक ने कहा, ”यह अपेक्षित था। प्रधानमंत्री ओली के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था। उनकी सरकार भ्रष्ट थी और जनता की जरूरतों से पूरी तरह विमुख थी।”
एक अन्य ने कहा, ”42 से ज्यादा कैबिनेट मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं। कानून-व्यवस्था अब नहीं रही। डर है कि जल्द ही सेना सत्ता संभाल सकती है।” एक दूसरे प्रदर्शनकारी ने कहा, ”ओली का इस्तीफा तो होना ही था। मंत्री एक के बाद एक इस्तीफा दे रहे हैं।
देखते हैं आगे क्या होता है।” प्रदर्शनों के दौरान बल प्रयोग की ¨नदा करते हुए एक ने कहा, ”यह अस्वीकार्य है कि प्रदर्शनकारियों पर बंदूकों का इस्तेमाल किया गया। जो हुआ वह गलत था। लेकिन ओली ने आखिरकार पद छोड़ दिया है।”
व्यवस्थागत मुद्दों की ओर इशारा करते हुए एक अन्य नागरिक ने कहा, ”ओली सरकार में भ्रष्टाचार फल-फूल रहा था। नेपाल के लोगों को बदले में कुछ नहीं मिला। युवाओं, खासकर छात्रों और किशोरों ने कार्रवाई की और यह सराहनीय है।’
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ”हमने संसद और भ्रष्ट सांसदों के घर जला दिए हैं। मैं देश के साथ विश्वासघात करने वालों के हर घर को जला देना चाहता हूं।” सत्ता परिवर्तन को रेखांकित करते हुए एक निवासी ने कहा, ”जेन-जी 24 घंटे जाग रही है। अगली सरकार जेन-जी के नियंत्रण में होगी। यह तो बस शुरुआत है।”