नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : तनाव, अनिद्रा या अन्य मानसिक समस्याओं से निजात दिलाने में मानसिक अभ्यास का प्राचीन तरीका ध्यान बेहद कारगर है। ध्यान के अभ्यास से विचारों का भटकाव रुकता है, मन शांत होता है और आंतरिक शांति की अनुभूति होती है। आज विश्व ध्यान दिवस है। मुख्य रूप से ध्यान के तीन प्रकार होते हैं, जिनके अभ्यास से अनगिनत लाभ प्राप्त होते हैं।
जब मन भटकता है, तब ध्यान ही सही दिशा दिखाता है
जब मन भटकता है, तब ध्यान ही सही दिशा दिखाता है। इसके नियमित अभ्यास से तनाव कम होता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ध्यान के महत्व और इससे मिलने वाले लाभों के बारे में जानकारी देता है। ध्यान न केवल मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार लाता है।
तनाव को कम करने में अत्यंत सहायक
ध्यान के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं- यह तनाव को कम करने में अत्यंत सहायक है। यह एकाग्रता और फोकस बढ़ाता है तथा भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। साथ ही, यह नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है और ब्लड प्रेशर व हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
प्राचीन योग ग्रंथों के अनुसार ध्यान के तीन मुख्य प्रकार हैं
मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग प्राचीन योग ग्रंथों का हवाला देते हुए ध्यान के तीन मुख्य प्रकार बताता है, जिनका उल्लेख घेरण्ड संहिता में मिलता है। ये प्रकार साधकों के स्तर के अनुसार निर्धारित किए गए हैं।
स्थूल ध्यान: यह साकार या भौतिक आकृति पर केंद्रित होता है
स्थूल ध्यान: यह साकार या भौतिक आकृति पर केंद्रित होता है, जैसे गुरु या इष्ट देव की मूर्ति पर ध्यान। यह प्रारंभिक साधकों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इसमें ठोस रूप की कल्पना करना आसान होता है।
ज्योतिर्मय ध्यान: इसमें आत्म-ज्योति या प्रकाशपुंज ब्रह्म का ध्यान किया जाता है
ज्योतिर्मय ध्यान: इसमें आत्म-ज्योति या प्रकाशपुंज ब्रह्म का ध्यान किया जाता है। इसे स्थूल ध्यान से सौ गुना श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि यह अधिक सूक्ष्म और आंतरिक स्तर पर प्रभाव डालता है।
सूक्ष्म ध्यान: यह बिंदुमयी ब्रह्म या कुंडलिनी शक्ति पर केंद्रित होता है
सूक्ष्म ध्यान: यह बिंदुमयी ब्रह्म या कुंडलिनी शक्ति पर केंद्रित होता है। घेरण्ड संहिता के अनुसार, यह ज्योतिर्मय ध्यान से लाख गुना श्रेष्ठ है और उच्च स्तर की साधना के लिए उपयुक्त माना गया है।
आज के तनावपूर्ण युग में ध्यान मानसिक और शारीरिक रोगों से बचाव का एक सरल उपाय
ये सभी प्रकार योग की प्राचीन परंपरा से जुड़े हैं और ध्यान को क्रमबद्ध रूप से आगे बढ़ाने में सहायक हैं। आज के तनावपूर्ण युग में ध्यान मानसिक और शारीरिक रोगों से बचाव का एक सरल उपाय है। रोजाना कुछ मिनट ध्यान करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
