नई दिल्ली, ब्यूरो : सुप्रीम कोर्ट में वक्फ संशोधन कानून 2025 पर अंतरिम रोक की मांग का मुद्दा लंबित रहने के बीच सरकार ने इस कानून के तहत कदम आगे बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन कानून के तहत वक्फ संपत्तियों के पंजीयन के लिए केंद्रीय पोर्टल यूनिफाईड वक्फ मैनेजमेंट, एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट लॉन्च किया।
इसे संक्षिप्त में उम्मीद पोर्टल कहा जा रहा है। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को पोर्टल का शुभारंभ करने के बाद बोले कि उम्मीद पोर्टल भारत में वक्फ संपत्ति प्रबंधन एवं संचालन के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा।
पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा वक्फ का डाटा
किरेन रिजिजू बोले कि इससे न सिर्फ पारदर्शिता आएगी बल्कि आम मुसलमानों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को भी मदद मिलेगी। यह पोर्टल वक्फ संपत्तियों की वास्तविक समय पर अपलोडिंग, सत्यापन और निगरानी के लिए एक केंद्रीयकृत डिजिटल प्लेटफार्म के रूप में कार्य करेगा।
छह महीने के भीतर अपलोड करना होगा डाटा
वक्फ कानून केअनुसार इस पोर्टल के लांच होने के छह माह के अंदर वक्फ संपत्तियों की सभी जानकारी इस पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद जिला या वक्फ बोर्ड के सक्षम अधिकारी जानकारी को वैरीफाई यानी प्रमाणित करेंगे। और फिर 17 अंकों की यूनिक आइडी जारी की जाएगी। वक्फ की गई संपत्ति से जुड़ी सभी जानकारी पोर्टल पर अपलोड होने के बाद अगर किसी को संपत्ति के संबंध में कोई आपत्ति हो तो वह आपत्ति दर्ज कराई जा सकेगी।
एक क्लिक करने पर मिलेगी वक्फ की पूरी जानकारी
वक्फ की गई संपत्ति पर आपत्ति या किसी भी विवाद की स्थिति में अपील के लिए तीन स्तरीय व्यवस्था होगी। उम्मीद पोर्टल के लॉन्च होने के बाद अब वक्फ संपत्ति के बारे में कोई भी जानकारी एक क्लिक पर जानी जा सकेगी। हालांकि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने मामला कोर्ट में लंबित रहने के दौरान पोर्टल लांच करने का विरोध किया है। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून 2025 पर अंतरिम रोक लगाने की मांग पर सुनवाई करके फैसला सुरक्षित रखा हुआ है।