Save Yamuna : यमुना की सफाई के लिए एक्शन प्लान की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक

CLEAN-YAMUNA-ABHIYAN

नई दिल्ली,वंदना सिंह : उच्चस्तरीय समिति की 5वीं बैठक में इस एक्शन प्लान के तहत सीवरेज सिस्टम और बारिश के पानी वाले नाले के गलत तरीके से आपस में जुड़ाव को रोकने को शामिल किया गया है।
यमुना की सफाई के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल ने एक और एक्शन प्लान तैयार किया है। उच्चस्तरीय समिति की 5वीं बैठक में इस एक्शन प्लान के तहत सीवरेज सिस्टम और बारिश के पानी वाले नाले के गलत तरीके से आपस में जुड़ाव को रोकने को शामिल किया गया है।

210 नाले को किया चिह्नित

इसके साथ ही सीवरेज और बारिश के पानी वाले नाले, जो गलत तरीके से आपस में जुड़ गए हैं, को अलग करना है। बारिश के पानी के लिए बने नालों का उनकी क्षमता के मुताबिक पूरा इस्तेमाल किया जाएगा। कुदरती तौर पर इस तरह के 210 नाले को चिह्नित किया गया हैं। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग से ऐसे नालों की एजेंसी के आधार पर सूची सौंपने को कहा गया जो सीवर लाइनों से जुड़े हैं।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर छह महीने पहले उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यमुना पुनरुद्धार के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला था। तब से यमुना के पुनरुद्धार के लिए 8 बिंदुओं पर काम चल रहा है। इसके अलावा नए बिंदुओं की पहचान की गई है जिनका क्रियान्वयन किया जा रहा है। बैठक में अधिकारियों ने उपराज्यपाल को यह भी बताया कि दिल्ली जल बोर्ड ने पहले चरण में ऐसे 539 प्वाइंट की सूची तैयार की है जहां यह गलत तरीके से आपस में नाले जुड़े हैं। इन 539 पानी के नालों में से 309 अभी भी दिल्ली जल बोर्ड के सीवरेज सिस्टम से जुड़े हुए हैं।

इन 309 नालों में एमसीडी के 286, पीडब्ल्यूडी के 19 और दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रस्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएसआईआईडीसी) के 3 हैं। समिति ने निर्देश दिया कि जिन विभागों के पास ये दोषपूर्ण कनेक्शन वाले नाले हैं वे इसे अलग करने की समय सीमा के साथ अगली बैठक में शामिल हों। नए एक्शन प्लान के तहत एक मीटर से कम व्यास वाली 442.63 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन में जमा गंदगी को इस साल दिसंबर के अंत तक हटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। 26.8 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन से गाद हटाने का काम पहले ही पूरा कर लिया गया है।

उपराज्यपाल ने की निर्धारित लक्ष्य की समीक्षा

नये एक्शन प्लान के साथ ही उपराज्यपाल ने पुराने निर्देशों की समीक्षा की। यमुना पर बने पुलों से कचरा फेंकने की रोकथाम की समीक्षा हुई। इस कार्ययोजना के तहत यमुना नदी पर बने दस पुलों को शामिल किया जाएगा। इन पुलों का रख-रखाव विभिन्न एजेंसियों द्वारा किया जाता है। वजीराबाद बैराज रोड ब्रिज का आधा किलोमीटर लंबे पुल पर तार की जाली,अंतर-राज्य बस टर्मिनल 0.57 किलोमीटर लंबे पुल पर लोहे की जाली आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त है। मरम्मत इस महीने तक पूरी होगी। पुराना लोहे का रेलवे पुल .93 किलोमीटर लंबे पुल पर लोहे की जाली ठीक अवस्था में है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World