नई दिल्ली, संवाददाता : पूर्वी तटीय रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे) ने अपने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा से संचालित सीसीटीवी कैमरे और उन्नत निगरानी ड्रोन तैनात किए हैं। इसका उद्देश्य यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाना, अनधिकृत प्रवेश को रोकना, दूर-दराज क्षेत्रों में निगरानी को सुदृढ़ करना तथा रेलवे संपत्ति और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
ऊर्जा आधारित सीसीटीवी प्रणाली स्थापित
एक अधिकारी के बयान के अनुसार, जिन क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता सीमित है या नहीं है, वहां निर्बाध निगरानी सुनिश्चित करने के लिए पूर्वी तटीय रेलवे ने अपने तीनों मंडलों में संवेदनशील और परिचालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों पर सौर ऊर्जा आधारित सीसीटीवी प्रणाली स्थापित की है। बयान में बताया गया कि वाल्टेयर मंडल में अनधिकृत प्रवेश संभावित क्षेत्रों और रेलवे यार्ड में 113 सोलर-पावर्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि 115 अतिरिक्त कैमरों की खरीद प्रक्रिया जारी है। इसी प्रकार, खुर्दा मंडल में चिन्हित स्थानों पर छह सौर ऊर्जा आधारित सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और 1,027 अतिरिक्त कैमरों की खरीद का कार्य प्रगति पर है।
दूरस्थ क्षेत्रों में अधिक प्रभावी निगरानी
इस बीच, संबलपुर मंडल के अंतर्गत रणनीतिक और महत्वपूर्ण स्थानों पर 46 सोलर-बेस्ड सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं। पूर्वी तटीय रेलवे ने कहा, “इन सौर ऊर्जा संचालित सीसीटीवी प्रणालियों की स्थापना से यात्रियों और आम जनता को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है। इससे संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ेगी, अपराधों पर अंकुश लगेगा, अनधिकृत प्रवेश की घटनाओं में कमी आएगी और दूरस्थ क्षेत्रों में अधिक प्रभावी निगरानी संभव होगी।”
आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया
रेलवे ने बताया कि ये कैमरे व्यस्त समय के दौरान बेहतर भीड़ प्रबंधन में सहायक होते हैं, आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करते हैं, घटना के बाद विश्लेषण को सुदृढ़ बनाते हैं और रेलवे कर्मचारियों की सुरक्षा बढ़ाते हैं। पूर्वी तटीय रेलवे ने कहा, “यह पहल एक अधिक सुरक्षित और यात्रियों के अनुकूल रेलवे वातावरण उपलब्ध कराने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती है।”
पूर्वी तटीय रेलवे ने हवाई निगरानी को बेहतर बनाने के लिए उन्नत ड्रोन किए तैनात
एक अन्य महत्वपूर्ण पहल के तहत, पूर्वी तटीय रेलवे ने हवाई निगरानी को बेहतर बनाने के लिए उन्नत ड्रोन भी तैनात किए हैं। रेलवे ने कहा, “जमीनी निगरानी नेटवर्क को पूरक बनाते हुए, ड्रोन के उपयोग से निगरानी क्षमता को और सुदृढ़ किया गया है। वर्तमान में कुल पांच निगरानी ड्रोन परिचालन में हैं।” खुर्दा रोड और वाल्टेयर मंडल में दो-दो ड्रोन तैनात हैं, जबकि संबलपुर मंडल में एक ड्रोन कार्यरत है। रेलवे के अनुसार, इन ड्रोन का उपयोग लंबे रेल खंडों की रियल-टाइम निगरानी, दूर-दराज क्षेत्रों में निरीक्षण, रेलवे यार्ड की निगरानी, विशेष अवसरों के दौरान भीड़ प्रबंधन तथा विभिन्न सुरक्षा अभियानों में किया जाता है।
