नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : नवनिर्मित एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोत हिमगिरि (Himgiri warship) समुद्र में भारतीय नौसेना की मारक क्षमता में गुणात्मक बढ़ोतरी करेगी। नौसेना के लिए युद्धपोत निर्माण की परियोजना 17ए के तहत बने पहले एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोत हिमगिरि को गुरूवार को भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।
सरकारी क्षेत्र की रक्षा कंपनी गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) लिमिटेड ने इस 149 मीटर लंबे तथा 6670 टन वजनी युद्धपोत को नौसेना के हवाले कर दिया। हिमगिरि जीआरएसई द्वारा निर्मित सबसे बड़ा और सबसे परिष्कृत गाइडेड मिसाइल युद्धपोत है।
मिसाइल फ्रिगेट क्षमताओं को मिलेगी नई छलांग
नौसेना के लिए 17ए परियोजना के तहत बनाए जा रहे तीन एडवांस गाइडेड मिसाइल युद्धपोतों में से हिमगिरि पहला है। हिमगिरी की आपूर्ति के साथ भारतीय नौसेना की उन्नत निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट क्षमताओं को नई छलांग मिलेगी।
जीआरएसई ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि कोलकाता में गुरूवार को इस प्रतिष्ठित युद्धपोत को भारतीय नौसेना की ओर से पूर्वी नौसेना कमान के चीफ स्टॉफ आफिसर (तकनीकी) रियर एडमिरल रवनीश सेठ ने युद्धपोत हिमगिरि को स्वीकार किया। हिमगिरि जीआरएसई द्वारा निर्मित और वितरित किया जाने वाला 801वां पोत है।