अशोकनगर, संवाददाता : अशोकनगर के निवासी 21 साल के पवन ओझा अपने नए-नए अविष्कारों के लिए इस इलाके में काफी प्रसिद्ध हैं। इस बार उनकी प्रसिद्धि का कारण है, जुगाड़ से बनाई हुई खटिया कार, जिसे उन्होंने खेती किसानी में इस्तेमाल करने के लिए बनाया है, जो कि पहले पेट्रोल से चलती थी, लेकिन बढ़ती हुई पेट्रोल की कीमत को देखते हुए उन्होंने इसमें संशोधन किया और इसे बैटरी से चलने वाला बनाया। साथ में एक सोलर प्लेट भी लगाई, ताकि बैटरी उसी से चार्ज भी हो जाए। यहां तक कि पूर्व में आनंद महिंद्रा उनकी जुगाड़ के एक वीडियो को भी रिट्वीट कर चुके हैं।
सेमरखेड़ी गांव के निवासी है पवन ओझा
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, पवन ओझा अशोकनगर से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित सेमरखेड़ी गांव में रहने वाले के द्वारा एक बार फिर से सार्थक कर दिखाया है, जिसमें उन्होंने खटिया में चार पहिए लगाकर उसको कार का रूप दिया है और उसका नाम दिया है खटिया कार। कार का निर्माण करने वाले पवन ओझा से बात करके पता चला कि वह एक छोटे किसान परिवार से हैं, जिन्हें अपनी खेती-बाड़ी करने में कई प्रकार के संसाधन जुटाने पड़ते हैं।
खेत पर सामान लाने ले जाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जाता था, जिसके चलते खर्च भी ज्यादा आता है और समय भी अधिक लगता है। इसी सोच के चलते खेती-बाड़ी के लिए छोटी खटिया कार बनाने का निर्णय लिया और बना डाली खटिया कार और उसी के साथ एक पंखा भी, जो की फसल की उड़ाबनी में इस्तेमाल किया जाता है।
पवन की उम्र अभी 21 साल है और परिवार में खेती- किसानी के कार्य में हाथ बंटाते रहते है, जिसमें जरूरत के हिसाब से पवन ओझा इस तरह की खटिया कार आवश्यकता के अनुसार ही बनाई, जिसमें उसके चाचा और परिवार के कई लोगो ने भी उसकी मदद की। पवन ओझा का पढ़ाई में मन न लगने के कारण उसने बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ दी और कम उम्र में ही इस तरह के नए-नए अविष्कार करना शुरू कर दिया था, जिसमें अब उसे सफलता मिलने लगी है। गांव वाले पवन ओझा के इस तरह के उसके अविष्कार को देखकर आश्र्चर्य चकित भी रह जाते हैं।
पेट्रोल से बैटरी में परवर्तित किया खटिया कार
पवन ओझा ने पहले खटिया कार में पेट्रोल से चलने वाला छोटा इंजन लगाया था और अब बैटरी से चलने वाली इस खटिया को कार के रूप में परिवर्तित कर दिया है। उसने इस कार को बनाते समय किसानों पर पूरा फोकस रखा है। क्योंकि शुरू में इस कार को जब उसने बनाया था तो पेट्रोल का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन महंगे पेट्रोल की कीमत की चलते उसने अपना इरादा बदला और उसे बैटरी कार के रूप दे दिया, लेकिन खास बात यह भी है कि इसकी बैटरी सौर ऊर्जा से चार्ज भी होती है।
पवन बताते हैं कि इस कार को किसान खेत पर ले जाएगा तो बैटरी सौर पैनल से चार्ज भी होती रहेगी। क्योंकि अधिकतर गांव में या खेतों पर बैटरी लाइट न होने के कारण चार्ज नहीं हो पाती है, और सौर पैनल से इसकी बैटरी खुद-ब-खुद चार्ज हो जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पहले खटिया कार में साइकिल के पहिए और कार की स्टेरिंग का इस्तेमाल किया था।
चारों पहिए छोटी स्कूटी के रूप में इस्तेमाल
अब चारों पहिए छोटी स्कूटी के रूप में इस्तेमाल किए गए हैं और आगे की ओर हैंडल और पीछे की ओर बैटरी को सेट किया गया है। जबकि दूसरी तरफ मोटर लगी है, खटिया कार में आराम से चार-पांच लोग सवार हो जाते हैं और यह खटिया कार इन सभी को लेकर आराम से लेटकर या बैठकर सफर का मजाकर संगीत का आनंद लेकर सफ़र और अपना काम कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर पवन ऊर्जा के वीडियो वायरल होने के बाद हरियाणा के हॉस्पिटल के द्वारा फोन पर पवन ओझा ने दवा मिक्स करने बाली मशीन को बना कर दिया है, जिसकी कीमत सिर्फ़ पांच हज़ार रुपये में बनाकर भेजी गई है। पवन ओझा ने इस तरह की बड़ी मशीन की कीमत को एक लाख़ रुपये में आने का दावा किया है और यह उस मशीन का छोटा रूप है।