देहरादून, मिताली जोशी : भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के माध्यम से संचालित योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा डिप्लोमा कोर्स अब दो वर्ष का होगा। अभी तक यह कोर्स एक वर्ष का था। शिक्षा में गुणवत्ता सुधार करने के लिए डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो वर्ष की गई है।
उत्तराखंड शासन की अनुमति मिलने के बाद भारतीय चिकित्सा परिषद ने इसकी मान्यता दे दिया है। नए सत्र से इसे लागू किया जाएगा। भारतीय चिकित्सा परिषद की रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं बोली ,भारतीय चिकित्सा परिषद से संबद्ध 25 आयुर्वेद फार्मेसी कॉलेजों व संस्थानों में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा का एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स संचालित किया जाता है। लेकिन हर साल 600 से 700 छात्र-छात्राएं प्रवेश लेते हैं।
चिकित्सा में विस्तृत अध्ययन करने का मौका
परिषद की ओर से शासन को डिप्लोमा कोर्स को दो वर्ष करने का प्रस्ताव भेज दिया गया था। सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो वर्ष करने की अनुमति दे दिया है। रजिस्ट्रार के अनुसार , आयुष शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए यह निर्णय लिया गया।
इसके साथ ही विदेशों में नौकरियों के लिए भेजने के लिए दक्ष बनाया जाएगा। कहा , परिषद को आयुष शिक्षा से संबंधित नए कोर्स चलाने की अनुमति मिली है। । परिषद अध्यक्ष डॉ. जेएन नौटियाल, विषय विशेषज्ञ डॉ. अनिल थपलियाल समेत परिषद सदस्यों ने डिप्लोमा कोर्स की अवधि दो वर्ष करने की अनुमति देने पर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।