नई दिल्ली, ब्यूरो : 15 अगस्त 2021 को जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था तब यह बात किसी ने सोचा नहीं होगा कि ढाई सालो में ही तालिबान के रिश्ते भारत से मधुर संबंधो में बदल जाएंगे। पाकिस्तान और तालिबान के बीच दूरियां लगातार बढ़ती जा रही हैं।
सकारात्मक पहल
एक और भारत अफगानिस्तान को लगातार मानवीय आधार पर मदद दे रहा है तो दूसरी तरफ तालिबान ने यह संदेश दिया गया है कि वह अपने हिंदू और सिख नागरिकों को संपत्ति का अधिकार देने जा रहा है। भारत ने इसको सकारात्मक पहल करार दिया है। पिछले ढ़ाई सालो में अफगानिस्तान के तकरीबन 95 फीसद हिंदू और सिख नागरिक भारत लौट चुके हैं।
अफगानी दूतावास का दौरा
याद रहे कि कुछ दिन पहले ही भारतीय विदेश मंत्रालय में अफगान संबंधी प्रकरणों को देखने वाले कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले दिनों नई दिल्ली स्थित अफगानी दूतावास का बह्रमण किया था। यह दूतावास कुछ माह पहले बंद कर दिया गया था क्योंकि यहां पहले से कार्यरत राजदूत व दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने दूसरे देशों में शरण ले रखी थी। अब मुंबई में अफगानी वाणिज्य दूतावास की कंसुलर-जेनरल जाकि वारदाक ही मुंबई व दिल्ली स्थित दूतावास का कार्य देख रही हैं।
अफगानिस्तान की जनता
इसके पहले भारतीय विदेश मंत्रालय में अफगानिस्तान- पाकिस्तान -ईरान संभाग के प्रमुख जे पी सिंह ने अपनी टीम के साथ काबुल का भ्रमण किया था। भारत समय समय पर अफगानिस्तान की जनता को दवाइयों व् अनाज की मदद भी भेजता रहता है। फरवरी 2023 में पेश आम बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान अफगानिस्तान के लिए किया गया था।