हमीरपुर, संवाददाता : जिले में ओलावृष्टि से बर्बाद किसानों के आंसू पोंछने के बजाय प्रशासन के नुमाइंदों ने किसानो का हक ही मार दिया। मुआवजे के तौर पर 750 किसानों को मिलने वाली धनराशि महाराजगंज व गोरखपुर में कुछ लोगों के खातों में भेज दी। एसडीएम सदर ने करीब 15.50 लाख रुपये दूसरे खातों में जाने की बात स्वीकार किया है।
एसडीएम के मुताबिक उनकी आईडी हैक कर शातिरों ने घोटाला किया। एसडीएम सदर पवन प्रकाश पाठक ने साइबर थाने में चार अगस्त को अज्ञात के खिलाफ विश्वासघात करने, धोखाधड़ी, आघात पहुंचाने व संचार माध्यम से धोखा धड़ी करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया है।
इसमें उन्होंने कहा है कि ओला पीड़ित किसानों को अनुदान वितरित करने के लिए लेखपालों ने अपनी लॉगिन आईडी से उनका विवरण ऑनलाइन फीड किया। संबंधित स्तरों पर स्वीकृत होते हुए पेमेंट ऑन लाइन किसानों के खाते में भेजा गया। लेकिन फीडिंग के दौरान त्रुटि होने पर पेमेंट रिटर्न हो गया।
15.50 लाख धनराशि गलत खातों में पहुंची
जिस पर ऑफ लाइन डाटा संशोधन कर भेजा गया। रिटर्न सूची में अंकित कई किसानों के खातों में खाता संख्या अज्ञात स्तर पर बदल गई। यह गड़बड़झाला उनकी आईडी हैक कर किया गया। अधिकतर धनराशि महाराजगंज व गोरखपुर में संचालित खातों में जाने की बात सामने आई है। एसडीएम सदर ने बताया कि करीब 750 किसानों की 15.50 लाख धनराशि गलत खातों में पहुंच गयी है, जिसकी जांच की जा रही है।
साइबर थानाध्यक्ष ने नकारा
साइबर थानाध्यक्ष जयशंकर सिंह ने ऐसा कोई मामला दर्ज न होने की बात कही। इससे साफ प्रतीत होता है कि मामले को छिपाने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा एडीएम वित्त एवं राजस्व विजय शंकर तिवारी ने भी मामले की जानकारी न होने की बात कही। हालांकि एफआईआर की काॅपी एसडीएम के पास है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व विजय शंकर तिवारी ने एक जुलाई को सदर व मौदहा तहसील के एसडीएम व तहसीलदार को पत्र भेज ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के बैंक खातों में कोषागार से भेजी गई धनराशि का सत्यापन कराने के निर्देश दिए। जिसके बाद सुमेरपुर क्षेत्र के पंधरी गांव निवासी 11 किसानों की धनराशि अन्य खातों में पहुंचने पर लेखपाल प्रदीप यादव को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही एसडीएम व तहसीलदार से ऐसे किसानों का विवरण मांगा गया।
पिछले साल फरवरी में हुई थी ओलावृष्टि
बीते 20 फरवरी व तीन मार्च 2023 को जिले में हुई ओलावृष्टि ने सदर व मौदहा तहसील के किसानों को तबाह कर दिया था। सदर व मौदहा क्षेत्र के 53 गांवों में फसलों को 90 फीसदी नुकसान हुआ था। किसानों को न तो बीमा कंपनी से कुछ मिला और न ही कृषि अनुदान की धनराशि ही उनके खाते में पहुंची।