मुंबई, एजेंसी : कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में महिला डाक्टरी के साथ हुई दरिंदगी पर गुस्सा और चिंता व्यक्त करते हुए बॉलीवुड भी दुखी परिवार के समर्थन में आ खड़ा हुआ है। ऋतिक रोशन,करीना कपूर, आलिया भट्ट आदि ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है कि ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह का अपराध करने से सौ बार-बार सोचे।
मैं सभी डॉक्टरों के साथ भी खड़ा हूं- ऋतिक रोशन
अभिनेता ऋतिक रोशन ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि हमें एक ऐसा समाज विकसित करने आवश्यकता है जहां हम सभी समान रूप से सुरक्षित महसूस करें। लेकिन इसमें दशकों लगने वाले हैं। उम्मीद है कि ऐसे हमारे बेटे और बेटियों को संवेदनशील और सशक्त बनाने से होगा। अगली पीढि़यां बेहतर होंगी। फिलहाल ऐसे अत्याचारों पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाने ही होंगे। एकमात्र तरीका अपराधी को ऐसी कठोर सजा देनी चाहिए है जिससे अपराधी को डर पैदा हो। मैं दुखी परिवार के साथ खड़ा हूं और दुखी परिवार को न्याय मिलना चाहिए। मैं उन सभी डॉक्टरों के साथ भी खड़ा हूं, जिन पर बीती रात हमला किया गया ।
हम अभी भी बदलाव का इंतजार कर रहे हैं- करीना
उधर, अभिनेत्री करीना कपूर ने प्रशिक्षु डाक्टर के साथ हुई दुष्कर्म-हत्या की घटना की कड़ी निंदा किया । इंस्टाग्राम पर लिखा- 12 वर्षो बाद फिर वही कहानी और उसी तरह के विरोध प्रदर्शन। लेकिन हम अभी भी बदलाव का इंतजार कर रहे हैं।
अभिनेत्री आलिया भट्ट ने पोस्ट किया- एक और दुष्कर्म। यह एहसास कराता है कि महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। इसने फिर से निर्भया कांड याद दिला दिया, जिसे एक दशक से ज्यादा का समय हो गया है। अभी भी कुछ खास नहीं बदला है।
ट्विंकल खन्ना ने कही ये बात
अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना ने भी महिला चिकित्सक से दरिंदगी पर नाराजगी और निराशा जताई। कहा-वह अपनी बेटी को वही सुरक्षा सावधानियां बरतने को कहेंगी जो उन्हें बचपन में सिखाई गई थीं। मसलन: पार्क, स्कूल या समुद्र तट जैसे सार्वजनिक स्थानों पर कभी भी अकेले न जाना, पुरुषों के साथ अकेले जाने से बचना भले ही वे रिश्तेदार या दोस्त क्यों ने हों और हर वक्त, खासकर रात में सतर्क रहना।
राक्षसों को फाँसी होनी- चाहिए-जेनेलिया देशमुख
जेनेलिया देशमुख ने भी जिम्मेदार लोगों के लिए फांसी की वकालत की है। जेनेलिया ने एक्स पर लिखा कि राक्षसों को फाँसी होनी चाहिए! जेनेलिया ने आगे लिखा कि मौमिता देबनाथ जिस दौर से गुजरीं उसे पढ़कर ही मेरी रूह कांप गई। ड्यूटी पर तैनात एक जीवन रक्षक महिला को सेमिनार हॉल में इस भयावहता का सामना करना पड़ा। मेरा दिल उनके परिवार और उनके प्रियजनों के साथ है – मैं कल्पना भी नहीं कर सकता कि वे इस त्रासदी का सामना कैसे कर रहे हैं। मेरे लिए आजादी का मतलब तब होगा जब हमारे देश में महिलाएं वास्तव में सुरक्षित महसूस कर सकें।