नई दिल्ली, एजेंसी : भारत अब 1962 वाला देश नहीं रहा। जो इसकी कथनी है, वही इसकी करनी है। दुनिया इसे देख चुकी है और इसका ताजा उदाहरण चीन के कदम से देखा जा सकता है। जून 2017 में पहले डोकलाम की गर्मागर्मी के बाद चीन को यहां से अपने पैर वापस खींचने पड़े और अब जून 2020 में टकराव के चार वर्षों बाद चीन ने दुबारा कदम वापस कर लिए हैं।
आज का भारत अपने हकों के लिए लड़ता है और आवाज बुलंद करता है, लेकिन यह भी उतना ही सही है कि यह शांति और वसुधैव कुटुंबकम में यकीन रखता है।