नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क : रणजी ट्रॉफी 2024-25 में खेले गए 4 मुकाबलों में दिल्ली टीम का खेल का प्रदर्शन शर्मनाक रहा है। पहले और दूसरे मुकाबले में छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु से जैसे-तैसे हारने से बचे थे। इसके बाद टीम ने अरुण जेटली स्टेडियम में खेले तीसरे मुकाबले में असम के विरुद्ध 10 विकेट से सत्र की पहली जीत हासिल की।
वहीं चौथे मुकाबले में चंडीगढ़ ने नौ विकेट से करारी हार थमाई। चार मैच में एक जीत, एक हार दो ड्रा और 11 अंक के साथ दिल्ली अंक तालिका में चौथे स्थान पर खिसक गई है। वहीं 19 अंक के साथ चंडीगढ़ पहले स्थान पर पहुंच गई है। यह हार ने दिल्ली के सेमीफाइनल में प्रवेश करने के मंजूबो पर पानी फेर सकती है।
यश ढुल को कप्तानी से हटाने के बाद टीम की बागडोर हिम्मत सिंह को सौपी गई है। हिम्मत सिंह न तो बैट से रन बना पा रहे है और न ही अपनी कप्तानी में टीम को जीत दिला पाए। कोच सरनदीप के नेतृत्व में टीम में कई अहम् बदलाव किए गए है। तमिलनाडु के विरुद्ध मुकाबले में मयंक रावत को पदार्पण करने अवसर मिला।
दिल्ली ने सात बार जीता खिताब
लेकिन, वो अपना खाता भी नहीं खोल सके। वहीं ऐसे टीम में कई खिलाड़ी है जो टीम की जीत में किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं निभा पा रहे है। गंभीर की कप्तानी में वर्ष 2007-08 में दिल्ली ने उत्तर प्रदेश के विरुद्ध नौ विकेट से वानखेडे में मुकाबला जीत कर खिताब पर कब्जा जमा लिया था।
इसके बाद से 16 वर्ष गुजर चुके है, लेकिन दिल्ली की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। हालांकि, दिल्ली टीम 2017-18 सत्र के फाइनल में प्रवेश करने में कामयाब रही थी। लेकिन, खिताब नहीं जीत सकी। रिषभ पंत भी रणजी टीम के कप्तान रह चुके हैं। वह भी खिताब जीताने में विफल रहे। इसके अलावा नवदीप सैनी, प्रदीप अवाना और नीतिश राणा भी दिल्ली से खेले। लेकिन, टीम के प्रदर्शन में आज भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
दिल्ली टीम ने वर्ष 1934 से 2024 के बीच में 7बार रणजी ट्राफी का खिताब जीत चुकी । वहीं 7 बार ही टीम उपविजेता रही। टीम का प्रदर्शन 2007-8 के बाद से लगातार गिरता ही जा रहा है। कितने खिलाड़ी दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ की ओर से खेले। लेकिन चैंपियन बनाने में सभी असफल रहे। दिल्ली खिताब जीतने की सूची में तीसरे नंबर की टीम है। मुंबई ने सर्वाधिक 41 बार और कर्नाटक ने दूसरे नंबर पर आठ बार खिताब जीता है।