नई दिल्ली, रिपब्लिक समाचार,अनीता जैन : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को बोले कि भारत ने कोरोना संकट के दौरान 150 देशों को दवाएं भेजी। उन्होंने कहा कि इस दौरान भारत सरकार ने दवाओं की गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया गया और कीमतों में भी वृद्धि नहीं की।
दवाओं की दवाओं की क्वॉलिटी से नहीं किया समझौता
दिल्ली में स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी आकलन पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन के अवसर पर कहा , “कोविड संकट के समय भारत ने बिना कीमत वृद्धि और गुणवत्ता से समझौता किए 150 देशों को दवाएं भेजीं।” उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की 65 प्रतिशत वैक्सीन आवश्यकता को पूर्ण करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आज दुनिया में अगर कोई ऐसा देश है जो सस्ती दवाएं उपलब्ध कर रहा है वह भारत है।”
राज्यसभा में उपसभापति हरिवंश ने जनवरी में ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में राष्ट्रमंडल के अध्यक्षों और पीठासीन अधिकारियों के 26वें सम्मेलन में बोले थे कि भारत ने महामारी के चलते कोरोना का टीका, चिकित्सा उपकरण और दवाओं सहित 150 से अधिक प्रभावित देशों को सहायता की मदद की। उन्होंने कहा था कि 123 देशों के फंसे विदेशी नागरिकों को भारत ने कोरोना महामारी के समय देश के विभिन्न भागों से निकालने में सहायता की थी ।
भारत ने की वैक्सीन दोस्ती की पहल
हरिवंश ने कहा था कि भारत ने दुनिया के कई देशों को कोरोना के मेड इन इंडिया वैक्सीन की आपूर्ती किया था । इसके लिए भारत ने वैक्सीन दोस्ती की एक विशेष पहल भी की है । वैक्सीन दोस्ती के तहत भारत ने दिसंबर 2022 के प्रथम सप्ताह तक 101 देशों और संयुक्त राष्ट्र की दो संस्थाओं को COVID-19 की 282 मिलियन से अधिक वैक्सीन डोज़ आपूर्ति किया था ।