नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क : श्रीलंका से वनडे सीरीज में हार, न्यूजीलैंड से घर में पहली बार टेस्ट सीरीज में 0-3 से क्लीन स्वीप और 10 साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से हार के साथ ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल की दौड़ से बाहर होने के बाद शनिवार को मुंबई में भारतीय टीम के प्रदर्शन की समीक्षा की गई थी।
वनडे और टेस्ट के भविष्य पर चर्चा हुई
इस समीक्षा बैठक में बीसीसीआई पदाधिकारियों ने कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य कोच गौतम गंभीर और मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर ने भाग लिया था। उस बैठक में वनडे और टेस्ट के लिए भविष्य के कप्तान पर चर्चा हुई थी और भारतीय टीम के खिलाड़ियों के लिए कुछ दिशा-निर्देश बनाने का निर्णय लिया गया था।
बैठक में सामने आई यह बात
इस समीक्षा बैठक में एक और बड़ी बात सामने आई है। मुंबई स्थित बीसीसीआई ऑफिस में काम करने वाले एक अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में जब टीम प्रबंधन से खराब प्रदर्शन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक कारण आईपीएल के बड़े-बड़े करार का नाम लिया। टीम प्रबंधन की तरफ से आए लोगों में एक ने कहा कि आईपीएल के बड़े करार के कारण कई खिलाड़ी टेस्ट में पूरी शिद्दत से नहीं खेले। सदस्य की तरफ से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में हार का एक कारण इस बात को भी बताया गया।
चैंपियंस ट्राफी में टीम के प्रदर्शन पर तय होगा गंभीर का भविष्य
भारतीय टीम में ‘सुपरस्टार संस्कृति’ खत्म करने पर उनके लगातार जोर देने के कारण ड्रेसिंग रूम में असंतोष की खबरों के बीच मुख्य कोच गौतम गंभीर के भविष्य के बारे में अगले महीने चैंपियंस ट्रॉफी में टीम के प्रदर्शन के आधार पर समीक्षा की जाएगी। पिछले वर्ष जुलाई में मुख्य कोच बनने के बाद से गंभीर की देखरेख में भारतीय टीम ने 10 में छह टेस्ट मैच हारे हैं। इसके साथ ही श्रीलंका में वनडे सीरीज भी गंवाई थी।
बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार, अगर भारतीय टीम चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाती तो मुख्य कोच की स्थिति भी खराब होगी। उनका अनुबंध 2027 विश्व कप तक है लेकिन समीक्षा जारी रहेगी। खेल में नतीजे अहम होते हैं और अभी तक गंभीर ने ठोस नतीजे नहीं दिए हैं।
सूत्रो ने कहा कि गंभीर सुपरस्टार कल्चर खत्म करना चाहते हैं जो इतने साल से चला आ रहा है। इससे कई खिलाड़ियों को दिक्कत हो रही है। समझा जाता है कि गंभीर इस बात से खुश नहीं थे कि किस तरह कुछ स्टार खिलाड़ियों ने आस्ट्रेलिया दौरे पर होटलों और अभ्यास के समय को लेकर फरमाइशें रखीं। दूसरी ओर सीनियर खिलाड़ियों को लगता है कि उनकी ओर से संवाद का अभाव है।