कानपुर,संवाददाता : अन्नपूर्णा चतुर्वेदी हादसे के समय हेलमेट तो लगाए हुए थीं, लेकिन उसका हुक बंद नहीं किया था। इसकी वजह से जब वह जमीन पर गिरीं, तो गिरते वक्त उनका हेलमेट सिर से छिटककर दूर गिर गया और सिर सड़क पर जा टकराया।
दो फरवरी को अन्नपूर्णा के साथ महाकुंभ में स्नान करने के लिए जाना था, लेकिन पर अब उसकी अस्थियां लेकर जाना पड़ेगा। कुत्तों के हमले से बचने के लिए स्कूटी भगाने के दौरान सड़क पर स्कूटी सहित गिरकर जान गंवाने वाली अन्नपूर्णा चतुर्वेदी के पति व मूलरूप से देवरिया के गौरी बाजार के रहने वाले सुरेश सिंह यादव ने रुंधे गले से यह बात कही।
सुरेश ने कहा कि महाकुंभ से वापस आकर 19 फरवरी को अपनी 35वीं सालगिरह धूमधाम से मनाने का प्लान था। अन्नपूर्णा हर साल अपनी सालगिरह पर खुद ही केक लेकर आती थी। इसके बाद हम खूब धूमधाम से अपनी सालगिरह मनाते थे, पर इस साल मकर संक्रांति पर अन्नपूर्णा ने मेरा साथ छोड़ दिया। उन्होंने बताया कि 35 साल पहले दोनों लोगो ने प्रेम विवाह किया और तब से हर सुख-दुख में हमेशा एक दूसरे के साथ खड़े रहे।
दोपहर में योगा सीखाने जाती थी पत्नी
सुरेश ने बताया कि पहले वह लोग गुमटी नंबर पांच में किराए पर रहते थे। हाल ही में वह बर्रा जेड वन ब्लॉक निवासी चंद्रपाल सिंह सचान के मकान में शिफ्ट हुए थे। बताया कि वह साले राकेश चतुर्वेदी के सचेंडी स्थित तकिया बनाने के कारखाने में काम करते हैं। हादसे के वक्त वह कारखाने में ही थे। पत्नी अक्सर दोपहर ढाई बजे घर से योगा सिखाने अर्मापुर, फिर काकादेव जाती थी।