वाशिंगटन, डिजिटल डेस्क : ब्राजील के रियो डी जनेरियो में 6-7 जुलाई को आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ा रुख अपनाया है। ट्रम्प बोले है कि ब्रिक्स समूह अमेरिका के हितों को कमजोर करने का प्रयास कर रहा है, और वे ऐसा नहीं होने देंगे।
व्हाइट हाउस ने सोमवार को पुष्टि की कि ट्रंप ब्रिक्स देशों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं और अमेरिका के खिलाफ किसी भी तरह के फैसले पर सख्त कदम उठाएंगे।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने बताया कि ट्रंप को लगता है कि ब्रिक्स अमेरिका के हितों के खिलाफ काम कर रहा है। इसलिए उन्होंने सभी संभावित कदम उठाने का संकल्प लिया है ताकि कोई भी देश अमेरिका और इसके नागरिकों का फायदा न उठा सके।
ट्रंप ने क्या कहा ?
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए कहा, “जो भी देश ब्रिक्स की एंटी-अमेरिकन नीतियों के साथ खड़ा होगा, उस पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा। कोई अपवाद नहीं होगा।”
ब्रिक्स सम्मेलन में रूस, ब्राजील,भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई और इंडोनेशिया जैसे नए सदस्य भी सम्मिलित हुए।
ट्रंप का मानना है कि ये देश “मजबूत नहीं हो रहे” बल्कि अमेरिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
BRICS का बयान
ब्रिक्स अब विश्व की लगभग आधी आबादी और 40% वैश्विक GDP का प्रतिनिधित्व करता है। व्यापार और निवेश के प्रकरण में यह समूह विश्व की एक-चौथाई हिस्सेदारी रखता है।
ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों ने अपने संयुक्त बयान में कहा, “हमें एकतरफा व्यापार प्रतिबंधों, टैरिफ बढ़ोतरी और अन्य गैर-शुल्क उपायों पर गंभीर चिंता है, जो वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचाते हैं।”
बयान में WTO जैसे नियम आधारित प्रणाली को मजबूत करने और व्यापार और युद्धों से बचने की अपील की गई है, ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी से बच सके।