दिल्ली-यूपी में जमकर हो रही बारिश से यातायात और उड़ान सेवा प्रभावित

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नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क : दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बुधवार को लगातार वर्षा के चलते यातायात और उड़ान संचालन प्रभावित हुआ। भारी वर्षा के चलते दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र फरीदाबाद, गुरुग्राम,गाजियाबाद और नोएडा आदि में जगह जगह जलभराव हो गया। जिस कारण से लोगों को काफी परेशानी हुई।

मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र में बारिश होगी
उत्तर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश के कुछ इलाको में, पश्चिम मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात, केरल, अंडमान व निकोबार द्वीप समूह और पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम वर्षा संभव है। विदर्भ, तटीय कर्नाटक, कोंकण व गोवा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड,और जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक-दो स्थानों पर ज्यादा वर्षा हो सकती है।

दिल्ली में खराब मौसम के कारण छह विमान जयपुर में उतारे गए

दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में खराब मौसम के कारण बुधवार शाम छह विमानों को जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतारा गया। जानकारी के अनुसार गोवा से दिल्ली जा रहा अकासा एयरलाइंस का विमान क्यूपी 1629, एअर इंडिया का भुज से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाला विमान एआइ-814 और कोलकाता से दिल्ली के लिए रवाना हुआ विमान एआइ-2768 को भी जयपुर में उतारा गया। इन विमानों को देर रात तक मौसम साफ़ होने की प्रतीक्षा में जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर खड़ा रखा गया।

रेड अलर्ट जारी करने से पहले ही शुरू हो गई बारिश
शाम को सात बजे ज्यादा वर्षा का रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। हैरत की बात यह भी कि रेड अलर्ट जारी होने से पूर्व ही विभिन्न भागो में तेज वर्षा शुरू हो गई थी। रेड अलर्ट जारी हो जाने के बाद वर्षा की तीव्रता उल्टे कम हो गई।

विभाग ने यह भी कहा कि पूर्व की ओर बढ़ते बादलों के समूह के कारण बुधवार शाम को अधिकांश स्थानों पर मध्यम वर्षा जबकि कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हुई। बिजली भी चमकी और 30 से 50 कि मी प्रति घंटे की गति से तेज हवाएं भी चलीं।

दिल्ली-एनसीआर में तेज वर्षा से बुरा हाल हो गया

दिल्ली-एनसीआर में तेज बारिश से बुरा हाल हो गया। सड़कों पर जगह-जगह पानी भर गया, जिससे जन जीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो गया। दिल्ली और गुरुग्राम की सड़कों पर पानी भर गया, जिससे मुख्य मार्गों के साथ ही हाईवे पर लंबे जाम की स्थिति बन गई। पीक आवर्स के दौरान वाहनों का दबाव भी अधिक रहता है, इसी वक्त बारिश की वजह से जाम लगने से लोगों को बेहद परेशानी पेश आई।

हिमाचल में मानसून ने ले ली 85 लोगों की जान
हिमाचल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में विनाशकारी मानसून के मौसम में अब तक 85 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 54 मौतें सीधे तौर पर वर्षाजनित आपदाओं से जुड़ी हैं और 31 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए हैं।

एसडीएमए ने अपनी संचयी क्षति रिपोर्ट में पुष्टि की है कि भूस्खलन, अचानक बाढ़, बादल फटने और डूबने जैसी प्राकृतिक आपदाएँ ज़्यादातर मौतों के लिए ज़िम्मेदार हैं। मंडी ज़िला सबसे ज़्यादा प्रभावित है, जहाँ बारिश से संबंधित कारणों से 17 मौतें हुई हैं। एसडीएमए ने इन मौसम-जनित आपदाओं के संबंध में 129 लोगों के घायल होने और 34 लोगों के लापता होने की भी जानकारी दर्ज की है।

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