कांकेर, संवाददाता : CG News : छत्तीसगढ़ के दुर्गूकोन्दल क्षेत्र में धार्मिक परिवर्तन की बढ़ती घटनाओं के बीच बड़ा सामाजिक संदेश सामने आया है। यहाँ दो गांवों के चार परिवारों के कुल 21 लोगों ने सार्वजनिक रूप से अपनी पारंपरिक आस्था में लौटने का निर्णय लिया। यह कार्यक्रम स्थानीय नेताओं और सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में पारंपरिक विधि-विधानों के साथ सम्पन्न हुआ।
धर्मांतरण रोकने पर विशेष बैठक
क्षेत्र में बढ़ते धर्मांतरण को लेकर दुर्गूकोन्दल में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें लगभग 30 गांवों के लोग शामिल हुए। बैठक में ‘मूल संस्कृति बचाव समिति’ का गठन किया गया, जो आगामी समय में धर्मांतरण रोकने और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी।
सुरुंगदोह और साधुमिच गांव के परिवारों ने सार्वजनिक रूप से मूल धर्म में वापसी की घोषणा की। इस अवसर पर गायता, पटेल, समाज प्रमुख और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में पूजा-अर्चना हुई और पीला चावल व पगड़ी पहनाकर लौटे हुए परिवारों का सम्मान किया गया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, गांवों में लगातार हो रहे धर्मांतरण से असंतोष बढ़ रहा है, जिसके चलते कई परिवार अपने प्राचीन विश्वास की ओर लौट रहे हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि सामाजिक पहचान बनाए रखने के लिए जागरूकता सबसे प्रभावी माध्यम है। उन्होंने सभी धर्मांतरित परिवारों से मूल संस्कृति का सम्मान करते हुए अपने पारंपरिक धर्म में लौटने की अपील की।
इस आयोजन में जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र टेकाम, सर्व आदिवासी समाज संरक्षक सुकलाल नाग, पिछड़ा वर्ग समाज ब्लॉक अध्यक्ष विजय पटेल सहित कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। कार्यक्रम में ग्रामीणों की भी उल्लेखनीय उपस्थिति देखने को मिली, जिन्होंने समाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा का संकल्प लिया।
