नई दिल्ली, संवाददाता : मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि राजधानी के प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारी सरकार प्रदूषण को इमरजेंसी मिशन की तरह मानकर उसे नियंत्रण में लाने का गंभीर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण को लेकर लापरवाही बरतने वाले सरकारी संस्थानों को अब बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) को निर्देश दिए गए हैं कि प्रदूषण और सफाई में कोताही बरतने वाले सरकारी संस्थानों का चालान काटकर भारी जुर्माना वसूला जाए।
सीएम रेखा ने यह भी आदेश दिए हैं कि बिना इजाजत रोड कटिंग करने और उसे न भरने वाले सरकारी संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। प्रदूषण को लेकर एक बड़ी समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को तेज गति से कार्य करने के भी आदेश दिए और कहा प्रदूषण नियंत्रण में सबकी भागीदारी जरूरी है।
रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई
दिल्ली सचिवालय में आज प्रदूषण नियंत्रण को लेकर मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ जारी कार्रवाइयों की समीक्षा की गई और आने वाले दिनों में युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए। इस बैठक में पर्यावरण मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा, मुख्य सचिव श्री राजीव वर्मा सहित पीडब्ल्यूडी, दिल्ली नगर निगम, डीडीए, पर्यावरण व वन, डीएसआईआईडीसी, दिल्ली मेट्रो, एनबीसीसी, ऊर्जा, डूसिब आदि विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण को लेकर लंबी लड़ाई तो लड़नी ही होगी, लेकिन फौरी तौर पर प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए उठाए जा रहे लगातार व प्रभावी उपायों को भी और तेज किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण को नियंत्रण में लाने के लिए इमरजेंसी मिशन की तरह कार्य कर रही है। संबंधित विभागों को आदेश जारी किए गए हैं कि अगले 72 घंटों के भीतर सभी गड्ढों (पॉटहोल्स) की पहचान कर उन्हें भरा जाए। सड़कों का रखरखाव करने वाले विभागों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि कोई भी सड़क टूटी नहीं रहनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई
बैठक में मुख्यमंत्री ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई कि कुछ विभाग प्रदूषण को लेकर जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरत रहे हैं। उन्होंने बैठक में ही डीपीसीसी अधिकारियों को आदेश दिए कि प्रदूषण में लापरवाही और साफ-सफाई को लेकर कोताही बरतने वाले सरकारी विभागों के खिलाफ चालान काटा जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी आदेश दिए कि बिना इजाजत रोड कटिंग करने और उसे न भरने वाले सरकारी संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस कोताही के लिए विभाग के प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी को बख्शा नहीं जाएगा, न सरकारी और न ही निजी एजेंसियों को। उन्होंने कहा कि प्रदूषण के खिलाफ हमें युद्धस्तर पर कार्य करना होगा और इसमें सरकार, विभिन्न विभागों के अलावा आम जन को भी भागीदारी निभानी होगी।
