दिसंबर में लखनऊ में मैच क्यों ? घने फॉग के चलते रद हुआ मैच

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डॉ.जितेंद्र बाजपेयी :  भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बुधवार को खेले जाने वाला चौथा टी-20 मैच एक भी गेंद फेंके बिना रद करना पड़ा। कारण था इकाना स्टेडियम पर छाई घने फॉग की परत, जिसने दृश्यता को पूरी तरह खत्म कर दिया। इस मैच के रद होने के साथ ही बीसीसीआई की कार्यक्रम नीति पर सवाल उठ रहे हैं कि दिसंबर के महीने में लखनऊ में मैच क्यों कराया गया।

दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टी-20 सीरीज के तीन मैच लखनऊ, न्यू चंडीगढ़ और धर्मशाला जैसे उत्तर भारत के शहरों में रखे गए। वो तो किस्मत अच्छी थी कि न्यू चंडीगढ़ और धर्मशाला के मैच हो गए। नवंबर-दिसंबर का यह समय उत्तर भारत में प्रदूषण व मौसम के लिहाज से सबसे खराब माना जाता है।

इस दौरान शहरों में वायु की गुणवत्ता भी बेहद खराब रहती है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) बेहद खराब व खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। बुधवार को लखनऊ में एक्यूआइ 300 के पार रहा, जो खतरनाक श्रेणी में आता है। आधिकारिक तौर पर मैच अत्यधिक कोहरे’ के कारण रद किया गया, लेकिन असल में स्टेडियम फॉग की मोटी चादर में लिपटा हुआ था। खिलाड़ी अपनी सेहत को लेकर भी चिंतित दिखे।

स्टार आलराउंडर हार्दिक पांड्या अभ्यास के दौरान मास्क पहने थे। शाम सात बजे शुरू होने वाला मुकाबला रात साढ़े नौ बजे छठे निरीक्षण के बाद रद किया गया। इस दौरान बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला भी तीन बार अंपायर के साथ मैदान का निरीक्षण करते नजर आए। शायद ये इतिहास में पहला मौका होगा जब फॉग के कारण कोई अंतरराष्ट्रीय टी-20 रद हुआ।

तीन घंटे तक किया इंतजार

जैसे-जैसे रात बढ़ रही थी, दृश्यता और खराब होती जा रही थी। अंपायर रोहन पंडित और अनंत पद्भनाभन ने तीन घंटे के लंबे इंतजार और सात बार मैदान का निरीक्षण करने के बाद मैच न कराने का फैसला किया। कमेंट्री कर रहे पूर्व क्रिकेट रॉबिन उथप्पा भी अंपायरों के बार-बार निरीक्षण से नाराज दिखे।

उथप्पा ने कहा, जैसे-जैसे रात होगी कोहरा कम नहीं होगा, बल्कि बढ़ेगा। अंपायर क्या करना चाहते हैं। इस बीच खिलाड़ी साढ़े सात बजे तक वार्मअप छोड़कर ड्रेसिंग रूम लौट गए। दर्शक भी धीरे-धीरे लौटने लगे। मैच अधिकारियों से बातचीत के बाद राजीव शुक्ला का हावभाव साफ तौर पर निराशा जाहिर कर रहा था। चूंकि इस मुकाबले के लिए कोई रिजर्व डे नहीं रखा गया था, ऐसे में दोनों टीमों को अब सीधे अहमदाबाद रवाना होना होगा, जहां शुक्रवार को सीरीज का अंतिम टी-20 खेला जाएगा। फिलहाल भारत 2-1 से सीरीज में आगे है।

बीसीसीआई भले ही स्टेडियम आवंटन में रोटेशन नीति अपनाने की बात करता हो, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या बोर्ड ने मौसम और प्रदूषण से जुड़े आंकड़ों को गंभीरता से देखा था। पिछले सप्ताह धर्मशाला में खेला गया तीसरा टी-20 भी 10 डिग्री से कम तापमान में हुआ था। बर्फ से ढकी धौलाधार पर्वतमाला की गोद में बसे इस मैदान पर खेलना खिलाड़ियों के लिए आसान नहीं था।

भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने भी माना था कि इतनी ठंड में खेलना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा

मैच के बाद तमिलनाडु से आने वाले भारतीय स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने भी माना था कि इतनी ठंड में खेलना उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। धर्मशाला में उस दिन एक्यूआइ ‘खराब’ श्रेणी में था, जबकि दूसरे टी-20 के दौरान न्यू चंडीगढ़ में यह ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच गया था। ऐसे में बीसीसीआई की संचालन और योजना टीम की तैयारी पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

अगर मौसम और प्रदूषण के आंकड़े पहले से मौजूद थे, तो क्या कोई वैकल्पिक योजना नहीं बनाई जा सकती थी? दिन के मुकाबले, या दोपहर से शुरू होने वाले मैच कम से कम दर्शकों और प्‍लेयर्स को राहत दे सकते थे। चौथे टी-20 का रद होना केवल एक मैच का नुकसान नहीं, बल्कि यह बीसीसीआई की प्राथमिकताओं पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व रणजी क्रिकेटर अशोक बांबी का कहना है कि क्या बीसीसीआई को यह नहीं पता है कि इस मौसम में यूपी समेत उत्तर भारत के ज्यादातर शहरों में घने कोहरा की समस्या होती है? इसके बाद भी लखनऊ में मैच के आयोजन का निर्णय लिया गया। मुझे लगता है ऐसे शहरों में रात की जगह दिन में मैच कराने के बारे में विचार करने की जरूरत है।

इकाना में यदि दिन में मुकाबला खेला जाना होता तो शायद कोई दिक्कत नहीं थी। उन हजारों खेलप्रेमियों के बारे में सोचिए जो महीनों से इस मुकाबले का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। सैकड़ों किलोमीटर दूरी तय कर दर्शक अपने पसंदीदा क्रिकेटरों को खेलते देखने की आस लेकर स्टेडियम पहुंचे, लेकिन उन्हें मायूस लौटना पड़ा। यह भविष्य के लिए एक सीख भी है। दरअसल, रात में मैच कराने के पीछे ब्रॉडकास्टर का भी दबाव माना जाता है। क्योंकि रात की अपेक्षा दिन का मैच देखने वालों की संख्या काफी कम होती है।

वापस होंगे टिकट के पैसे

भारत और दक्षिण अफ्रीका मुकाबला रद होने से सबसे ज्यादा मायूसी दर्शकों को है। क्योंकि उनका पैसा और समय दोनों खराब हुआ। हालांकि, यूपीसीए के एक पदाधिकारी के अनुसार, जो मैच रद होता है उसका पूरा पैसा वापस मिलता है। इस मैच का भी पैसा दर्शकों को मिलेगा, जिसकी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

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