नई दिल्ली,रिपब्लिक समाचार,एंटरटेनमेंट डेस्क : बिना मंथरा रामायण कैसी… रामानंद सागर की रामायण में विलेन के किरदार में रावण को दिखाया गया, लेकिन क्या आपने सोचा कि असल खलनायिका तो मंथरा थी। दुष्ट मंथरा ना कैकेयी के कान भरती और ना राम को वनवास जाना पड़ता और न रामायण लिखी जाती।
साइलेंट फिल्मों से शुरू किया करियर
रामानंद सागर के इस आइकॉनिक माइथोलॉजिकल ड्रामा को मंथरा ने इतना दिलचस्प बना दिया कि देखने वाले सच में मंथरा से नफरत करने लगे ।मंथरा के इस किरदार में अभिनेत्री ललिता पवार ने अपनी अदाकारी से जान फूंक दिया था । मंथरा के अलावा ललिता पवार ने खलनायिका के कई ऐसे किरदार निभाए, जिसकी वजह से अभिनेत्री को अजर अमर हो गई। हिंदी फिल्मों में जब भी खलनायिका की बात होती है तो आज भी ललिता पवार का नाम गिना जाता है।
ललिता पवार का जन्म 18 अप्रैल 1916 को नासिक में हुआ था। उनके पिता का नाम लक्ष्मण राव शागुन था, जो बड़े सिल्क व्यापारी थे। ललिता पवार का असली नाम अंबा लक्ष्मण राव शागुन है, जिसे उन्होंने बाद में बदलकर ललिता पवार कर दिया। उन्होंने 9 वर्ष की छोटी उम्र से ही अभिनय करना शुरू कर दिया था। ललिता पवार ने एक्टिंग की शुरुआत मूक फिल्मों से किया और बाद में अभिनेत्री के तौर पर कई फिल्मों में काम किया, लेकिन एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी बदल दिया ।
एक थप्पड़ ने बदल दिया ललिता की जिंदगी
1942 में आई फिल्म जंग-ए-आजादी में ललिता पवार के को-एक्टर भगवान दादा को एक सीन में उन्हें थप्पड़ मारना था। इस दौरान भगवान् दादा ने ललिता पवार को इतना जोरदार थप्पड़ मारा कि उनका चेहरा और बाईं आंख खराब हो गई। वर्षो के इलाज के बाद थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन अब उनकी खूबसूरती में दाग आ गया था, कैमरे पर उनकी एक आंख हमेशा छोटी दिखती थी। ऐसे में उन्हें लीड रोल्स ऑफर मिलने बंद हो गए।
फिल्म इंडस्ट्री को लगा कि ललिता पवार अब एक्टिंग की दुनिया में वापस कभी नहीं आएंगी। तभी उन्होंने शानदार वापसी का फैसला किया और नायिका ना सही, खलनायिका बनकर वापसी किया । 1944 में आई फिल्म रामशास्त्री में उन्होंने गुस्सैल सास की भूमिका का रोल निभाया , जो लोगों को खूब पसंद आया। इसके बाद ललिता पवार ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और अपने करियर में कई यादगार फिल्मो में रोल निभाए।
दहेज
1950 में आई इस फिल्म में भी ललिता पवार एक दुष्ट सास के किरदार में आई थीं। नाम के अनुसार फिल्म में दहेज की कु प्रथा को दिल छू लेने वाले अंदाज में दिखाया गया था।इस फिल्म में ललिता पवार के साथ पृथ्वीराज, करण दीवान, जयश्री, उल्हास, केशवराव दाते और मुमताज बेगम भी थे हैं। दहेज में जयश्री की शादी ललिता पवार के बेटे से होती। फिल्म में ललिता ने ऐसी दुष्ट सास का किरदार निभाया था, जो दहेज के लिए अपनी बहू को प्रताड़ित करती रहती है। मसाले और ड्रामा से भरी इस फिल्म में ललिता पवार ने गजब की अदाकारी किया है।
रामानंद सागर की रामायण से पहले ललिता पवार ने 1961 में रिलीज हुई फिल्म संपूर्ण रामायण में मंथरा का किरदार निभाया था। फिल्म में उनके साथ महिपाल, अनीता गुहा, एमबी व्यास, सुलोचना काटकर जैसे कलाकार भी थे। संपूर्ण रामायण का डायरेक्शन बाबुभाई मिस्त्री ने किया था। इस फिल्म के बाद ललिता पवार ने रामानंद सागर की रामायण में दुष्ट मंथरा का आइकॉनिक किरदार का रोल निभाया।