गोमिया(बेरमो)/बोकारो,रिपब्लिक समाचार,संवाददाता : रविवार सुबह गोमिया प्रखंड के महुआटांड़ गांव में उस समय हड़कंप मच गया, जब यहां एक तेंदुआ आ गया। उसने गांव के राधाराम महतो की 36 साल की विक्षिप्त बेटी बिमली कुमारी पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया। बिमली का शोर सुनकर जब गांववाले दौड़े तो तेंदुआ डरकर वहां से भागकर एक पेड़ पर चढ़ गया। रात्रि करीब नौ बजे तक वह उसी पेड़ पर बैठा रहा। घायल महिला को रामगढ़ सदर अस्पताल भेज दिया गया है । वहां पर उसका इलाज किया जा रहा है।
शौच के लिए गई बिमली पर किया हमला
सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने क्षेत्र में धारा 144 लगाई है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के आलावा वन विभाग की टीम भी पहुंच गयी है। ग्रामीणों ने कहा कि बिमली सुबह शौच के लिए गयी थी। तभी तेंदुुए ने बिमली पर हमला कर दिया । बिमली की आवाज सुन के आसपास महुआ बिन रहे लोग उसे बचाने के लिए लाठी-डंडा लेकर दौड़े। गाववालो को देख तेंदुआ वहां से भाग गया , इसके बाद एक खेत में लगे एक पेड़ पर चढ़ गया।
इधर गांव में तेंदुआ आने की बात पूरे गांव में फैल गई। उसे देखने के लिए भीड़ लग गई। वन विभाग की टीम करीब साढ़े आठ बजे पहुंची। मगर वन विभाग की टीम भी इस परिस्थिति में कुछ कर पाने में असमर्थ दिखी। तेंदुआ भी भीड़ देख नीचे नहीं उतर रहा था। करीब दस बजे गोमिया बीडीओ कपिल कुमार व सीओ संदीप अनुराग टोपनो भी मौके पर आ गए। प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर रहने व क्षेत्र में धारा 144 लगाए जाने की मुनादी करा दिया । ताकि तेंदुआ किसी गांव वाले को नुकसान न पहुंचा सके।
गोमिया, महुआटांड़, पेटरवार, बोकारो, चास से वन विभाग के कर्मी पेड़ के नजदीक ही मोर्चा संभाले हैं। महुआटांड़ थाना प्रभारी श्रीकांत कुमार, महुआटांड़ के वनरक्षी निताय चंद्र महतो, तौहीद अंसारी, चास के वनरक्षी शशिकांत महतो, तेनुघाट के मुकेश कुमार महतो, कैलाश कुमार महतो, विजय कुमार गुप्ता, संतोष कुमार, राजेश कुमार, सुमित किस्कू आदि मुस्तैदी से जमे हैं। इधर गांव वाले भी वहां डटे हैं, कई तो रात्रि में पेड़ के नजदीक भी पहुंच गए थे।
तेंदुआ घायल नहीं है, जंगल से आया
बोकारो के वन पदाधिकारी (डीएफओ) रजनीश कुमार ने कहा कि वह स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। गाववालो की सुरक्षा के लिए कई वन क्षेत्रों के वनरक्षियों को तैनात कर दिया गया है। तेंदुआ को ट्रेंकुलाइज करना मुश्किल है। ये तेंदुआ घायल नहीं है। 12 फीट से अधिक की छलांग लगा सकता है। भीड़भाड़ होने से डरा हुआ है।
तेंदुआ पारसनाथ पहाड़ के जंगल से इस ओर आया है। एकांत होने के बाद आदतन अपने इलाके में चला जाएगा। पेड़ की सबसे ऊपर की टहनी पर यह बैठा है। दिखाई भी बड़ी मुश्किल से दे रहा है। 300 जाल भिजवा दिए गए हैं, ताकि तेंदुआ यदि हमला करने की स्थिति में आए तो उसे पकड़ा जा सके। वैसे हमारा प्रयास है कि वह जंगल में अपने इलाके में चला जायेगा ।