नई दिल्ली, एनएआई : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमेरिका दौरे में अत्याधुनिक प्रीडेटर ड्रोन की खरीद के लिए समझौता होने की संभावना है। इस सौदे के तहत भारत को जल्द ही 31 ड्रोन मिल सकते हैं। ये ड्रोन निगरानी और हमले, दोनों ही कार्यों में प्रयुक्त होते हैं। भारत में तीनों सेनाएं मिलकर इनका इस्तेमाल करेंगी।
तीनों सेनाएं मिलकर करेंगी प्रीडेटर ड्रोन
देश की सुरक्षा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 31 प्रीडेटर ड्रोन की खरीद से भारत को निगरानी करने में बढ़त हासिल हो जाएगी। ये ड्रोन देश की जल, थल और आकाशीय सीमाओं की काफी ऊंचाई से निगरानी करेंगे। इन ड्रोन का संचालन तीनों सेनाओं की संयुक्त कमान करेगी। यह कमान तीनों सेनाओं के प्रमुख (सीडीएस) के अंतर्गत कार्य करेगी।
तीनों सेनाओं के उपयोग में आएंगे रक्षा उपकरण
रक्षा उपकरणों की खरीद करने वाली परिषद ने इस आशय की रूपरेखा तीनों सेनाओं के मुख्यालयों को भेज दी है। भविष्य में हेलीकाप्टर, ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम को तीनों सेनाएं मिलकर उपयोग में लाएंगी। भारत की चीन और पाकिस्तान से लंबी जमीनी और समुद्री सीमाएं मिलती हैं। दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों से भारत के युद्ध हो चुके हैं और वर्तमान में भी इनके साथ भारत के संबंध तनावपूर्ण हैं।
भारत के लिए खतरा है चीन और पाकिस्तान
चीन की विस्तारवादी नीति से जहां क्षेत्र की स्थिरता को खतरा पैदा हो रहा है, वहीं पाकिस्तान आतंक की धुरी बना हुआ है और हर संभव तरीके से भारत को अशांत करने की कोशिश कर रहा है। इन दोनों देशों की हरकतों चलते भारत की सुरक्षा चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं और उसे अपनी सुरक्षा के नए इंतजामों की जरूरत पड़ रही है।