बरेली,संवाददाता : बरेली खतना मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है। बरेली के डॉक्टर एम खान अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है। अस्पताल में भर्ती मरीजों को शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। पूरे मामले की जांच रिपोर्ट दो दिन में शासन को भेजी जाएगी।
बरेली में तोतलेपन की दवा कराने पहुंचे बच्चे का खतना करने के प्रकरण में जांच कमेटी ने प्रथम दृष्टया अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार मानते हुए लाइसेंस निलंबित कर दिया है। पीड़ित परिवार ने बयान में अस्पताल प्रबंधन पर सही जानकारी न देने की बात कही है। हालांकि, अभी अभिलेखों की जांच बाकी है। दो दिन में जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेजने की बात सीएमओ ने कहा है।
हिंदू संगठनों ने किया था हंगामा
स्टेडियम रोड स्थित एम खान अस्पताल में शुक्रवार को संजय नगर के एक हिंदू दंपती अपने दो साल के बेटे का तोतलेपन का इलाज कराने पहुंचे थे। आरोप है कि तालू के ऑपरेशन की जगह डाक्टर ने बच्चे का खतना कर दिया गया।
हिंदू संगठनों ने हंगामा काटा तो पुलिस के साथ आईएमए पदाधिकारी भी पहुंच गए। देर शाम पिता ने बारादरी थाने में तहरीर दी थी। मामला सुर्खियों में आने पर शनिवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मुख्य चिकत्साधिकारी को टीम गठित कर जांच कराने के निर्देश दिया था।
गठित चार सदस्यीय कमेटी ने पहले अस्पताल प्रबंधन के बयान दर्ज किए थे। रविवार को टीम पीड़ित परिवार का बयान दर्ज करने पहुंची। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक परिजनों ने बयान में कहा है कि स्टाफ ने अंग्रेजी में लिखी फाइल पर हस्ताक्षर कराए थे। हस्ताक्षर के दौरान परिजनों ने कहा था कि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती पर डॉक्टर ने कोई बात नहीं किया और हस्ताक्षर करने को कहा।
डॉक्टर की बात सही मानकर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिया था। ऑपरेशन के बाद स्टाफ ने दोबारा बच्चे को वार्ड में लिटा दिया। गर्मी लगने पर कपड़े हटाए तो मूत्र मार्ग पर पटटी बंधी थी। अस्पताल प्रबंधन पर सही जानकारी न देने और षड्यंत्र के तहत खतना का आरोप लगाया है