फर्रुखाबाद,संवाददाता : फर्रुखाबाद में पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश ने जिले की जनता को मुसीबत में डाल दिया। एक जुलाई से गंगा में जलस्तर का बढ़ना शुरू हुआ,तो फिर कम नहीं हुआ। शनिवार शाम इस सीजन का रिकार्ड 3,50,041 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद रविवार सुबह नरौरा बैराज से 2,57,146 और शाम को 1,81,902 क्यूसेक पानी कर दिया गया।
हालांकि गंगा तीसरे दिन भी खतरे के निशान से 30 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। मीटर 137.40 मीटर पर ही बना हुआ है। इससे अमृतपुर तहसील क्षेत्र के करीब 130 से अधिक गांव में बाढ़ का पानी भर गया है। 100 से अधिक स्कूलों पर ताले पड़े हैं। गांवों में बाढ़ के पानी से हालात खराब बने हुए हैं। चार लोगों की मृत्यु बाढ़ के पानी में डूबने से हो गई है।
नरौरा बैराज से 1.68 लाख क्यूसेक पानी कम छोड़ा गया
एक माह से खतरे के निशान से ऊपर बह रही गंगा में रविवार को नरौरा बैराज से छोड़े जा रहे पानी में 1.68 लाख क्यूसेक की कमी आई है। इससे जलस्तर में कुछ गिरावट की उम्मीद बंध गई है। पांचाल घाट पुल पर गंगा तीसरे दिन खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही हैं।
कुछ दिनों में बंधी है राहत की उम्मीद
पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश ने जिले की जनता को मुसीबत में डाल दिया। एक जुलाई से गंगा में जलस्तर का बढ़ना शुरू हुआ, तो पांचाल घाट पर मीटर कम नहीं हुआ। शनिवार शाम इस सीजन का रिकार्ड 3,50,041 क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद रविवार सुबह नरौरा बैराज से 2,57,146 और शाम को 1,81,902 क्यूसेक पानी कर दिया गया। 24 घंटे में ही 1,68,139 क्यूसेक पानी की कमी आने से कुछ दिनों में राहत की उम्मीद बंधी है।
छात्र-छात्राओं की पढ़ाई चौपट
हालांकि गंगा तीसरे दिन भी खतरे के निशान से 30 सेमी ऊपर बह रही हैं। मीटर 137.40 मीटर पर ही बना हुआ है। 20 जुलाई को गंगा खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई थीं। इससे तहसील क्षेत्र के करीब 130 से अधिक गांव में बाढ़ का पानी भर गया। 100 से अधिक स्कूलों में ताले पड़े हैं।
रामगंगा नदी का लगातार कम हो रहा है जलस्तर
गांवों में बाढ़ के पानी से हालात खराब बने हुए हैं। क्षेत्र के बमियारी, अमीराबाद, जोगराजपुर, हमीरपुर सोमवंशी, हरसिंहपुर कायस्थ, रामपुर, जगतपुर, कुड़री सारंगपुर, करनपुर घाट, फखरपुर, मंझा आदि गांव के रास्ते बंद होने से खाद्य सामग्री आने-जाने में दिक्कत है। रामगंगा नदी का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। रविवार को 136.60 मीटर से घट कर 136.55 मीटर पर पहुंच गया है। खो, हरेली, रामनगर बैराज से 10,602 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
ऊंचाई वाले गांवों के फीडर चलाकर दी जा रही है आपूर्ति
अधिशासी अभियंता ग्रामीण सुरेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि अमृतपुर क्षेत्र में चार बिजली घरों से बिजली आपूर्ति की जाती है। राजेपुर बिजलीघर में पानी भरा है। इसके अलावा अधिकांश उपकेंद्रों की लाइनें जलभराव से घिरी हैं। करंट फैलने की आशंका को देखते हुए ऊंचाई वाले गांवों के फीडर चलाकर आपूर्ति दी जा रही है। फिलहाल 85 फीसदी गांवों की बिजली बंद है।