UP : आगमन गेस्ट हाउस की जमीन, प्रशासन के तीनों रिकॉर्ड में दर्ज है ब्योरा

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कानपुर ,संवाददाता : आगमन गेस्ट हाउस की जमीन को लेकर खास बात सामने आई कि यह संपत्ति नजूल से वक्फ और वक्फ से शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में कैसे दर्ज हो गई। इसकी जांच एसडीएम सदर, तहसीलदार सदर और एसीएम सात को दी गई है।

कानपुर में सिविल लाइंस स्थित वक्फ संपत्ति कब्जाने के मामले में अधिवक्ता अखिलेश दुबे संग भाई व बेटी पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उस जमीन के रिकॉर्ड की जांच में अब नया खुलासा हुआ है। अभी तक इस जमीन को वक्फ बोर्ड का माना जा रहा था, लेकिन यह जमीन नजूल और शत्रु संपत्ति के रिकॉर्ड में भी दर्ज है। इसकी हकीकत जानने के लिए डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने एसडीएम सदर अनुभव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है।

टीम जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी।  अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने शिकायत करते हुए बताया था कि सिविल लाइंस स्थित भूखंड संख्या 13 बटे 387, 388 और 390 वक्फ के अभिलेखों में दर्ज है। वर्तमान में इस जमीन पर आगमन गेस्ट हाउस, कैनरी लंदन, वंदना सैलून, आस्क म्यूचुअल फंड एवं एमपी डोर के कार्यालय संचालित हैं। इसके बाद भी गलत तरीके से अखिलेश दुबे के भाई सर्वेश दुबे को राजकुमार शुक्ला ने वर्ष 2016 में जमीन का पट्टा कर दिया था।

टीम जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपेगी।  अधिवक्ता सौरभ भदौरिया ने शिकायत करते हुए बताया था कि सिविल लाइंस स्थित भूखंड संख्या 13 बटे 387, 388 और 390 वक्फ के अभिलेखों में दर्ज है। वर्तमान में इस जमीन पर आगमन गेस्ट हाउस, कैनरी लंदन, वंदना सैलून, आस्क म्यूचुअल फंड एवं एमपी डोर के कार्यालय संचालित हैं। इसके बाद भी गलत तरीके से अखिलेश दुबे के भाई सर्वेश दुबे को राजकुमार शुक्ला ने वर्ष 2016 में जमीन का पट्टा कर दिया था।

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