वाराणसी, संवाददाता : आयकर विभाग के छापे के 10 दिन बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण ने मेसर्स विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियो / कर्मचारियों के खिलाफ वाराणसी के कैंट थाने में कूटरचना और धोखाधड़ी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। आरोप है कि शिवपुर के वरुणा गार्डेन परियोजना का प्रमाण पत्र फर्जी है। इसे वीडीए ने जारी नहीं किया है।
आयकर विभाग ने 6अक्तूबर को सपा नेता अबू आजमी व उनसे जुड़े व्यापारियो के ठिकानों पर छापा मारा था। 8अक्तूबर तक कार्रवाई की गयी थी। इस दौरान अबू आजमी की 250 करोड़ की बेनामी संपत्ति की जानकारी मिली थी। इसी का तर्क देते हुए ही आयकर विभाग ने वरुणा गार्डेन के 42 फ्लैट और मलदहिया स्थित विनायक प्लाजा के दो फ्लोर सील कर दिए गए थे।
फर्जीवाड़ा खुलकर आ गया सामने
विनायक ग्रुप के बैंक खातों को भी सीज कर दिया गया था। आयकर विभाग की टीम ने ही वरुणा गार्डेन परियोजना के प्रमाण पत्र की जांच करने की जिम्मेदारी वीडीए को दी गयी थी। इसका संज्ञान लेकर वीडीए उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल ने जांच कराई और घोटाला सबके सामने आ गया।
वाराणसी विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी प्रकाश कुमार की शिकायत पर दर्ज मुकदमे के अनुसार विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड ने सेंट्रल जेल रोड स्थित वरुणा गार्डेन परियोजना का प्रमाण पत्र वीडीए के संयुक्त सचिव की तरफ से जारी होना कहा गया था, जो सही नहीं है।
वीडीए के पास इस परियोजना के पूर्णता प्रमाण पत्र जैसी कोई पत्रावली नहीं है। यही रिपोर्ट आयकर विभाग की लखनऊ इकाई को भेजी गई है। इस संबंध में इंस्पेक्टर कैंट दुर्गेश कुमार मिश्रा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
केंद्र व राज्य सरकार को राजस्व की हुई क्षति
वीडीए के जोनल अधिकारी के अनुसार, वरुणा गार्डेन परियोजना का कूटरचित पूर्णता प्रमाण पत्र दिखाकर विनायक निर्माण प्राइवेट लिमिटेड ने आयकर अधिनियम का लाभ लिया है। इससे केंद्र सरकार को भारी राजस्व की क्षति होना प्रतीत होता है। वीडीए के कूटरचित दस्तावेजों का प्रयोग करके केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई गई है। यह आपराधिक कृत्य है ।
सवालों के घेरे में वीडीए के अफसर-कर्मचारी
आयकर विभाग के छापे के बाद जो फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया, उसे वीडीए के जिम्मेदार नहीं पकड़ सके। इससे वीडीए के जाेन स्तरीय अधिकारी और कर्मचारियों की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। कहा जा रहा है कि शिवपुर इलाके की सबसे प्रमुख परियोजना वरुणा गार्डेन है। बिना पूर्णता प्रमाण पत्र के ही बहुमंजिली इमारतें खड़ी कर दी गईं।