अहमदाबाद, संवाददाता : Adani International School Bookflix 2025 : अदाणी इंटरनेशनल स्कूल (एडीआईएस), शांतिग्राम, अहमदाबाद में वार्षिक पढ़ाई और स्टोरी फेस्टिवल ‘बुकफ़्लिक्स’ के तीसरे संस्करण का भव्य शुभारंभ हुआ। इस समारोह में देश की प्रतिष्ठित लेखिका, समाजसेवी और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित सुधा मूर्ति मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं और कार्यक्रम की शुरुआत की।
समारोह में स्वागत करते हुए एडीआईएस की प्रमोटर नम्रता अदाणी ने भारत भर में युवा पाठकों की पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए श्रीमती मूर्ति का धन्यवाद किया।”बुकफ्लिक्स की तैयारी के दौरान, हमारा परिसर कहानियों, वाद-विवाद, पुस्तकों के आदान-प्रदान और रचनात्मक रोमांच से जीवंत हो उठा। हमारी आशा सरल है-आश्चर्य को प्रेरित करना, आनंद की चिंगारी जगाना और महत्वपूर्ण मूल्यों को गहरा करना। कहानियाँ हमारे दृष्टिकोण को आकार देती हैं और हमें दुनिया को सार्थक बनाने में मदद करती हैं।”
मुख्य अतिथि सुधा मूर्ति ने छात्रों के जीवन मूल्यों पर अपने विचार साझा किए
एडीआईएस अपनी विद्यार्थी-केंद्रित सोच, साहित्य, कला और खोज-आधारित शिक्षा के लिए जाना जाता है औऱ बुकफ़्लिक्स एक समग्र विकास के प्रति स्कूल की प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। उद्घाटन के दौरान सुधा मूर्ति ने 800 छात्रों को 30 मिनट के विशेष संबोधन में पढ़ने, कल्पना और जीवन मूल्यों पर अपने विचार साझा किए। इसके बाद हुए प्रश्नोत्तर सत्र में बच्चों ने उनकी पुस्तकों, लेखन प्रक्रिया और अनुभवों से जुड़े सवाल पूछे। उनकी सरलता और स्पष्टता बच्चों के दिलों को छू गई।
सुधा मूर्ति ने एडीआईएस के छात्रों को स्कूल में हर अवसर का भरपूर लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया और इन अनुभवों को “पत्थर” बताया जो आगे चलकर “हीरे” में बदल जाते हैं। उन्होंने बच्चों से सभी गतिविधियों में भाग लेने का आग्रह किया, क्योंकि आज के प्रचुर विकल्प कल की ताकत को आकार देते हैं। अभिभावकों से बात करते हुए, उन्होंने बच्चों को माता-पिता के अधूरे सपनों को पूरा करने के बजाय, अपने रास्ते खुद चुनने की आज़ादी देने के महत्व पर ज़ोर दिया।
उन्होंने छात्रों को याद दिलाया कि समय का सम्मान करना, विश्वसनीय होना और प्रतिभा को कड़ी मेहनत के साथ जोड़ना सफलता के लिए ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि सबसे प्रतिभाशाली बच्चा भी अनुशासन और समर्पण के बिना प्रगति नहीं कर सकता। पढ़ने की केंद्रीयता पर विचार करते हुए सुधा मूर्ति ने छात्रों को व्यापक रूप से अन्वेषण करने और गहराई से सोचने के लिए प्रोत्साहित किया। “मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि अदाणी इंटरनेशनल स्कूल पढ़ने को सीखने के केंद्र में रखता है। जब बच्चे पढ़ते हैं, तो उनमें सहानुभूति, कल्पनाशीलता और जीवन के लिए मज़बूत नींव का निर्माण होता है।”
एडीआईएस दो विशेष रूप से तैयार की गई किताबें भेंट कीं
बच्चे विशेष रूप से उत्साहित थे अपनी पसंदीदा लेखिका से मिलने के लिए जिनकी प्रसिद्ध किताबें दादी माँ की कहानियों का थैला, गोपी डायरी, तीन हज़ार टाँके, वाइज या अदरवाइज देशभर के युवा पाठकों की पसंद हैं। टेल्को की पहली महिला इंजीनियर से लेकर इन्फोसिस फाउंडेशन का 25 वर्षों तक नेतृत्व देने तक का उनका सफर बच्चों के लिए प्रेरणा है।
एडीआईएस के छात्रों ने उन्हें दो विशेष रूप से तैयार की गई किताबें भेंट कीं। पहली प्राथमिक कक्षाओं के छात्रों द्वारा उनके जीवन और कहानियों को आईबी लर्नर प्रोफाइल से खूबसूरती से जोड़ती है। दूसरी, माध्यमिक कक्षाओं के छात्रों द्वारा हस्तलिखित पत्रों का संग्रह है, जिसमें बच्चों ने साझा किया कि किस तरह उनकी सोच और लेखन से वे बेहतर, संवेदनशील और समझदार इंसान बनने की प्रेरणा पाते हैं।
छात्रों ने एक सामूहिक कला-कृति “समवृद्धि” भी प्रस्तुत की, जो एडीआईएस की “ग्रोइंग टुगेदर” की दार्शनिक भावना का प्रतीक है। यह रंगीन कोलाज जिज्ञासा, साहस, इनोवेशन, करुणा, आत्म-अनुशासन और दृढ़ता जैसे मूल्यों को एक साथ पिरोता है। सुधा मूर्ति इस स्नेहपूर्ण भेंट से अत्यंत भावुक और प्रसन्न हुईं।
बुकफ़्लिक्स का यह संस्करण 27 नवंबर तक चलेगा जिसमें वर्कशॉप्स, स्टोरी टेलिंग सेशंस, कैरेक्टर लैब्स, क्रिएटिव राइटिंग स्टूडियो और लेखक-छात्र संवाद जैसी कई गतिविधियाँ शामिल हैं। यह उत्सव स्कूल के मिशन आत्मविश्वासी, जिज्ञासु और करुणामय आजीवन सीखने वाले विद्यार्थियों को तैयार करने को और मजबूत बनाता है। बुकफ्लिक्स 2025 की शुरुआत की घोषणा करते हुए श्रीमती अदाणी ने कहा, “पढ़ने का आनंद, कहानियों का जादू और रचनात्मकता की शक्ति को अपने ऊपर हावी होने दें।”
