वाराणसी , संवाददाता : कचहरी के अधिवक्ताओं ने मंगलवार की दोपहर दो बजे बड़ागांव थाने के दरोगा मिथलेश प्रजापति (37) और कांस्टेबल राणा प्रसाद (27) को डीएम पोर्टिका में बेरहमी से पीटा और उनकी वर्दी फाड़ दी। इसके बाद एसीएम प्रथम कार्यालय में बंधक बनाकर रखा और पिटाई करते रहे। पुलिस ने किसी तरह दरोगा की जान बचाई और अस्पताल में भर्ती कराया। घायल दरोगा का बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है। दरोगा के सिर और चेहरे पर गंभीर चोट लगी है। सिपाही राणा प्रसाद का जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया है। बीच बचाव करने पहुंचे एसीएम के हेड मोहर्रिर को भी पीटा गया है।
घटना की सूचना पाकर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार, अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था शिवहरि मीणा ने बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बात की और चार थानों की पुलिस के साथ ही पीएसी लगाकर कचहरी को खाली कराया।
उधर, पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बीएचयू में भर्ती दरोगा की सेहत का हाल जाना। आरोपी अधिवक्ताओं की पहचान के लिए परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है।
क्या है पूरा मामला
समाधान दिवस पर शनिवार को बड़ागांव थाने में पुआरी खुर्द निवासी मोहित सिंह मौर्य और प्रेम चंद्र मौर्य के बीच जमीन के विवाद का मामला पहुंचा था। पुलिस अधिकारियों के सामने ही दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों का शांतिभंग में चालान कर दिया था। मोहित सिंह मौर्य ने खुद को अधिवक्ता बताया था।
मोहित का आरोप था कि दरोगा सहित अन्य पुलिसकर्मियों ने अपराधी जैसा सलूक किया था। उन्हें लॉकअप में डाल दिया था। इसकी सूचना मिलने के बाद छह अधिवक्ता बड़ागांव थाने पहुंचे थे फिर उसे छोड़ा गया था। इससे मोहित नाराज था।
मंगलवार की दोपहर 2 बजे बड़ागांव थाने के दरोगा मिथलेश प्रजापति और कांस्टेबल राणा प्रसाद एक मामले की केस डायरी के साथ कचहरी पहुंचे और एसीएम प्रथम की कोर्ट में जमा कराने का प्रयास करने लगे।
पहले नाम पूछा, फिर किया हमला
डीएम पोर्टिको के बाहर जुटे अधिवक्ताओं ने दरोगा और कांस्टेबल से नाम, थाना पूछा। जैसे ही पता चला कि दोनों बड़ागांव थाने से आए हैं, वैसे ही अधिवक्ताओं ने हमला बोल दिया। दरोगा मिथलेश और कांस्टेबल की जमकर पिटाई की। साथ ही दरोगा को पकड़ कर एसीएम प्रथम के चेंबर में ले गए और बंधक बना लिया। बीचबचाव करने वाले एसीएम तृतीय के मोहर्रिर को भी अधिवक्ताओं ने नहीं बख्शा और जमकर पीटा।
कचहरी चौकी से चार पुलिसकर्मी पहुंचे, लेकिन मामले को नहीं संभाल सके। इसके बाद सूचना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। एसीपी कैंट नितिन तनेजा और कैंट इंस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा फोर्स के साथ कचहरी पहुंच गए।
किसी तरह दरोगा मिथलेश को अधिवक्ताओं के चंगुल से छुड़ाया गया। अधिवक्ताओं की पिटाई से दरोगा को गंभीर चोट आई है। उन्हें पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से डॉक्टरों ने बीएचयू के ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर कर दिया।
अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था शिवहरी मीणा ने आसपास के थानों की फोर्स बुलाई और चारों तरफ से कचहरी को घेर लिया गया। सख्ती से कचहरी परिसर को खाली कराया गया।