NIA Raids : आकांक्षा माओवाद को पुनर्जीवित करने को थी प्रयासरत,NIA मोबाइल और लैपटॉप से खोलेगी कई राज

AKANKSHA-AZAD

वाराणसी,शैलेश पाल : भगत सिंह छात्र मोर्चा की बीएचयू इकाई की अध्यक्ष आकांक्षा आजाद प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रही थी। कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित व भर्ती करने और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है। वे इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा की साजिश रच रहे थे। इसका खुलासा बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने किया है।

एनआईए के अनुसार, वाराणसी की महामनापुरी कॉलोनी, चंदौली, आजमगढ़, देवरिया और प्रयागराज जिले में मंगलवार को आठ स्थानों पर आरोपियों और संदिग्धों के ठिकानों पर छापा मारा गया। छापे के दौरान सिम कार्ड, किताबें,नक्सल साहित्य ,पर्चे, पॉकेट डायरी, चंदे की रसीदें और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों के अलावा मोबाइल फोन, लैपटॉप, कॉम्पैक्ट डिस्क पेन ड्राइव और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। एनआईए को जांच में यह पता चला है कि बिहार में गिरफ्तार प्रमोद मिश्रा आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयास के तहत सीपीआई (माओवादी) के कैडरों और समर्थकों व ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) का नेतृत्व कर रहा था। मंगलवार को मारे गए छापे ऐसे ही कैडरों और ओजीडब्ल्यू के ठिकानों पर था।

आकांक्षा आजाद सहित 7 को बनाया गया आरोपी

एनआईए के अनुसार पहले दर्ज की गई एफआईआर में मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी नामजद आरोपी थे। इसके अतिरिक्त उनके सहयोगी मनीष आजाद की पत्नी अमिता शिरीन,विश्वविजय व उसकी पत्नी सीमा आजाद, कृपा शंकर, रितेश विद्यार्थी की पत्नी सोनी आजाद, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए उसे पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहे थे। इसलिए इन सभी को आरोपी बनाते हुए उनके ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

हथियारों को बनाने के लिए खराद की गई स्थापित
एनआईए के अनुसार, बीते अगस्त महीने में बिहार में रोहित राय उर्फ रोहित विद्यार्थी गिरफ्तार किया गया था। उसका भाई रितेश विद्यार्थी है। रोहित से पूछताछ के बाद पुलिस ने सीपीआई (माओवादी) के सीसी सदस्य और एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी भी बिहार से ही की। इन गिरफ्तारियों के बाद पुलिस ने बिहार में हथियार, गोला-बारूद बरामद करते हुए एक बंदूक फैक्ट्री सीज की थी। यहां बिहार और यूपी में हथियारों के पार्ट्स बनाने और देशी हथियारों को इकट्ठा करने के लिए एक खराद स्थापित किया गया था।

लैपटॉप और मोबाइल से मिलेंगे अहम राज

खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अफसरों ने बताया कि एनआईए के छापे के दौरान जो मोबाइल और लैपटॉप जब्त किए गए हैं, उनसे अहम राज खुलकर सामने आएंगे। एनआईए मोबाइल और लैपटॉप के डेटा का विस्तृत अध्ययन कर सीपीआई (माओवादी) के गिरफ्तार आरोपियों और उनके सहयोगियों के संबंधों की तह तक जाएगी। इसके बाद पुख्ता साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों के सहयोगियों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

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