कानपुर,संवाददाता : अधिवक्ता अखिलेश दुबे को हाईकोर्ट से झटका लगा है, जहां न्यायमूर्ति संतोष राय ने उन्हें मोटी रकम हड़पने वाला केंद्र बिंदु बताते हुए जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने माना कि जमानत मिलने पर वह साक्ष्यों से छेड़छाड़ कर सकता है, क्योंकि उस पर निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाने के छह मुकदमे दर्ज हैं।
कानपुर में मोटी रकम हड़पने के इरादे से निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमे में फंसाने का केंद्र बिंदु अखिलेश दुबे ही है। सभी तथ्यों को जोड़ा जाए तो अखिलेश ही मुख्य आरोपी दिखता है। इसी टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संतोष राय ने अखिलेश की जमानत अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने माना कि जमानत मिलने पर अखिलेश अधिवक्ता पेशे का दुरुपयोग कर साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के साथ ही गवाहों को भी धमका सकता है।
भाजपा नेता रवि सतीजा ने बर्रा थाने में दुबे के खिलाफ रंगदारी वसूलने की रिपोर्ट दर्ज कराई
भाजपा नेता रवि सतीजा ने बर्रा थाने में दुबे के खिलाफ रंगदारी वसूलने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने छह अगस्त को अखिलेश को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सेशन कोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद अखिलेश ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की। सुनवाई के दौरान अखिलेश के अधिवक्ता ने झूठा फंसाए जाने का तर्क रखा। वहीं अभियोजन की ओर से तर्क रखा गया कि रंगदारी के संबंध में सुशील त्रिवेदी ने भी गवाही दी है।
अखिलेश पर छह मुकदमे दर्ज हैं
ऑडियो रिकॉर्डिंग है। पीड़िताओं के बयान से साफ है कि अखिलेश के दबाव में ही उन्होंने सतीजा के खिलाफ झूठा मुकदमा लिखाया। एसआईटी के सामने 46 जांचें लंबित हैं। इनकी सूची भी शपथपत्र के साथ दाखिल की गई है। अखिलेश पर छह मुकदमे दर्ज हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत का आधार पर्याप्त न पाते हुए अखिलेश की जमानत याचिका खारिज कर दी।
