Amazon : अमेज़न में रेखा की मेहनत और समावेशिता की कहानी

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नई दिल्ली, न्यूज़ डेस्क : इस फेस्टिव सीज़न में, अमेज़न इंडिया उन हज़ारों एम्प्लॉयीज़, एसोसिएट्स और पार्टनर्स की मेहनत का जश्न मना रहा है, जिनकी लगन देशभर में लाखों ग्राहकों और विक्रेताओं के लिए तेज़, भरोसेमंद और शानदार अनुभव संभव बनाती है। इनमें से एक हैं पुणे की कस्टमर सर्विस एसोसिएट, रेखा पडवाल, जिनकी महाराष्ट्र के एक छोटे शहर से अमेज़न में सफल करियर की यात्रा आत्मविश्वास और समावेशिता की मिसाल है।

रेखा पाँच वर्ष की उम्र में पोलियो से पीड़ित हो गईं और तब से ही व्हीलचेयर पर जीवनयापन कर रही हैं। भंडारा, महाराष्ट्र में पली-बढ़ीं रेखा ने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। अपने पिता के प्रोत्साहन और उनके इस विश्वास के साथ कि काबिलियत नजरिए से तय होती है, रेखा तमाम सीमाओं के सामने डटकर खड़ी रहीं। उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों और शारीरिक बाधाओं को पार करते हुए पढ़ाई में मेहनत की और वाणिज्य में स्नातक की डिग्री हासिल की।

रेखा कहती हैं, “मेरे पिता हमेशा कहते थे कि हो सकता है कि लोग तुम्हें तरस भरी निगाहों से देख सकते हैं, लेकिन तुम्हें अपने काम और उपलब्धियों से दिखाना होगा कि तुम क्या कर सकती हो। ये शब्द मेरे जीवन के हर कदम में मार्गदर्शक रहे हैं।”

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