मथुरा, संवाददाता : फरह थाना क्षेत्र के ओल कस्बे के गांव गांजोली के मार्ग से एक 12 वर्ष के बालक के अपहरणकर्ताओं को बुधवार को पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। बालक को उनके चंगुल से सकुशल बरामद किया गया है। 10 लाख रुपये की फिरौती के लिए आगरा के अछनेरा थाना क्षेत्र के गांव तुर्किया के दो दोस्तों ने इस वारदात को अंजाम दिया था। खुलासा करने वाली टीम को एसएसपी स्तर से 25 हजार रुपये पुरस्कार, प्रशस्ति पत्र दिया गया है। वहीं, डीजीपी स्तर से मेडल दिलाने की मांग उच्चाधिकारियों से की है।
एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बुधवार रात पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता कर बताया कि अपहरणकर्ता देवेंद्र पुत्र नवल सिंह निवासी तुरकिया, अछनेरा, आगरा और खड़ग सिंह उर्फ अरब पुत्र भजनलाल निवासी तुरकिया, अछनेरा, आगरा को करनाल नहर शहजादपुर गुर्जर पुलिया के पास मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया गया। देवेंद्र के दोनों और खड़ग सिंह के एक पैर में गोली लगी। इन लोगो की निशानदेही पर अपहृत बालक रूपेश चौधरी पुत्र मनोज कुमार निवासी ग्राम गांजौली, फरह को शहजादपुर गुर्जर पुलिया के पास एक गड्ढे में हाथ-पैर व मुंह बंधा हुआ हालत में बरामद कर लिया गया।
गिरफ्तारी व खुलासा करने वाली टीम में वृंदावन इंस्पेक्टर रवि त्यागी,इंस्पेक्टर फरह कमलेश सिंह,सदर बाजार इंस्पेक्टर संजीव कुमार दुबे, जमुनापार इंस्पेक्टर छोटेलाल, स्वाट प्रभारी अभय शर्मा, सर्विलांस प्रभारी विकास शर्मा, एसओजी प्रभारी राकेश कुमार, एसआई नितिन त्यागी, नितिन तेवतिया, केशव वशिष्ठ, अर्जुन सिंह, अशोक कुमार व इनकी टीम शामिल रही।
10 लाख की फिरौती मांगा , राहगीरों से फोन मांगकर कर रहे थे कॉल
एसपी सिटी डा. अरविंद कुमार ने बताया देवेंद्र और खड़ग सिंह ने 5.30 बजे करीब बालक का अपहरण किया था। 9.30 बजे करीब पहला कॉल फिरौती के लिए बालक की मां के फोन पर आया, जो कि सैपऊ, धौलपुर से किया गया था। इसके बाद रात भर कोई फोन नहीं किया था। बुधवार को सुबह से लेकर दोपहर तक तीन बार अपहरणकर्ताओं ने बच्चे की मां के फोन पर कॉल किया। धमकी दे रहे थे कि 10 लाख का शाम तक इंतजाम नहीं किया तो जान से मारने की धमकी दी।
रात भर बच्चे को रखा भूखा, धौलपुर-आगरा के बॉर्डर के क्षेत्रो में घुमाते रहे
एसपी क्राइम अवनीश मिश्रा ने बताया कि बदमाशों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि वह बच्चे का अपहरण करने के बाद उसे यहां से सीधे धौलपुर ले गए थे। वहां से रात भर उसे धौलपुर के इलाकों में घुमाने के बाद सैपऊ, रूपवास, बसई नवाब, मनिया इलाके में लेकर घूमते रहे। बदमाश इतने शातिर हैं कि वह किसी एक स्थान पर अधिक देर तक नहीं रुके। रात भर यह स्थान बदलते रहे। बच्चे रूपेश को इन्होंने रात भर भूखे पेट रखा। बुधवार सुबह उसे एक भंडारे में खाना खिलाया। बच्चे ने बताया कि उसने कुछ लोगों की ओर मदद भरी निगाहों से देखा तो बदमाशों ने उसे हथियार दिखाकर डरा दिया था।
सहमा बच्चा, परिवार को देख फफक उठा
पुलिस लाइन में रूपेश ने जैसे ही अपने परिवार के लोगों को देखा वह उनसे लिपटकर रोने लगा। अधिकारी बच्चे को चुप कराने लगे। मगर, उससे पूछताछ करने की कोशिश करने लगे। मगर, वह इतना डरा हुआ था कि उसकी जुंबा से कुछ शब्द नहीं निकल रहे थे। सिर्फ आंखों से आंसू बह रहे थे। बच्चे के परिजनों ने मथुरा पुलिस को धन्यवाद कहा। लाइन में ही पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाए।