गोरखपुर, संवाददाता : जांच के दौरान संजय उपाध्याय की पत्नी की भूमिका भी मामले में संदिग्ध पाई गई है। फायरिंग की साजिश में संलिप्त होने के संकेत मिले हैं, जिसके आधार पर उसका नाम केस में जोड़ा गया है।
शाहपुर इलाके के प्रापर्टी डीलर अंकु शुक्ल के घर फायरिंग के मामले में नाम आने पर पुलिस ने माफिया विनोद उपाध्याय के भाई संजय उपाध्याय के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया है। केस में नाम आने के बाद से ही आरोपी संजय भागा हुआ है।
जल्द जारी हो सकता है आरोपी पर इनाम
थाने की पुलिस ने आरोपी पर इनाम रखने के लिए एसएसपी को फाइल भिजवा दी है। जल्द इनाम जारी हो सकता है। इधर, सूत्रों की मानें तो संजय ने न्यायालय में आत्मसमर्पण की अर्जी दी है, ताकि गिरफ्तारी से बच सके। वहीं, क्राइम ब्रांच और शाहपुर पुलिस की टीम उसके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है।
जांच के दौरान संजय उपाध्याय की पत्नी की भूमिका भी मामले में संदिग्ध पाई गई है। फायरिंग की साजिश में संलिप्त होने के संकेत मिले हैं, जिसके आधार पर उसका नाम केस में जोड़ा गया है।
यह है मामला : घटना की शुरुआत 18 फरवरी से हुई, जब आरोपी अंकित पासवान ने खुद को माफिया विनोद उपाध्याय का भाई बताते हुए श्रीरामपुरम कॉलोनी निवासी प्रॉपर्टी डीलर अंकु शुक्ल से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। इसके बाद 23 फरवरी को गौरव पांडेय और अंबिका पासवान ने उनके घर पर जाकर गोली चलाने की कोशिश की, जो विफल रही।
24 फरवरी को फिर से दोनों वहां पहुंचे और इस बार अंबिका ने कार पर गोलियां बरसा दीं। घटना के बाद पुलिस और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में पांच मार्च को इस गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसमें अंकित पासवान उर्फ मंटू, अंबिका पासवान, नितिन मिश्रा, साहिल अली और शुभम श्रीवास्तव शामिल थे। इनके पास से अवैध असलहे, कारतूस, दो बोलेरो और एक बाइक बरामद की गई थी।
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि घटना की जांच में संजय का भी नाम सामने आया है। उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी हो गया है। पुलिस की टीमें लगी हैं, जल्द ही उसकी गिरफ्तारी हो जाएगी।