गोरखपुर, संवाददाता : दो दिन में न तो सड़क चौड़ी की गई, न ही कोई अतिरिक्त फोर्स और अफसर आ गए, लेकिन रविवार को शहर का नजारा बदला नजर आया। नगर निगम, पुलिस के अफसरों ने मन से चाहा तो शहर के कई प्रमुख चौराहों से अतिक्रमण हटा दिया गया। इस के कारण से वाहनों ने रफ्तार पकड़ लिया। जबकि गोलघर गलियारे और मोहद्दीपुर में जाम के प्रकरण में विभागों का पेंच आपस में ऐसा उलझा है कि यह अब भी चुनौती बना हुआ है।
मोहद्दीपुर में जाम से निपटने के लिए ट्रैफिक को मैनुअल और लाइट दोनों से चलाने से राहत हुई, लेकिन सड़क पर उलटे सीधे लगे बिजली के खंभे, इसकी आड़ में लगने वाले अतिक्रमण को अब भी हटाया नहीं जा सका है। उधर, गोलघर में अब नगर निगम की पहल का इंतजार है। व्यापारियों के किराये और आवंटन के तर्क का सही फैसला आने के बाद ही गोलघर के गलियारों से कब्जा हटना संभव है।
तोड़ दिया आगे बढ़ी दुकान…हटा दिए ठेले तो दौड़े वाहन
असुरन चौक से मेडिकल कॉलेज रोड हो या फिर गीता वाटिका। संडे को दोनों ही रोडो पर ठेले लगाने वाले नजर नहीं आए। असुरन चौक पर आगे बढ़ने पर दुकानदारों ने बाउंड्री करके जो कब्जा किया था तो उसे नगर निगम की टीम के साथ जेसीबी ने तोड़ दिया। इस रोड पर वाहन दौड़ते नजर आ रहे हैं। पहले इस रोड के शुरआत पर ही दोनों और ठेले वालों का कब्जा होता था और फिर उसके आगे खरीदने वालो की गाड़ी। ऐसे में जिला अस्पताल या दूसरे अस्पताल से इमरजेन्सी में मरीजों को लेकर जाने वाले एंबुलेंस व वाहन भी जाम में फंस जाते थे। कब्जे के कारण से सड़क संकरी थी, जहां से कब्जा हटने के बाद अब फोरलेन दिखने लगा है।
रुस्तमपुर की मंडी हो गई व्यवस्थित…चलने लायक हुई सड़क
रुस्तमपुर ढाला से आजाद चौक जाने वाली सड़क पर दोनों ही साइड ठेले वालों का कब्जा हटा दिया गया है। नगर निगम की ओर से बनाई गई जगह पर ठेले वालों को पुलिस ने थोड़ा जोर-जबरदस्ती और थोड़ा समझाकर भेजा तो अब असर सामने हैं। इस सड़क पर अगर गलती से चारपहिया लेकर चले गए तो घंटों परेशान होना तय था। अब रुस्तमपुर मंडी को व्यवस्थित कर दिया गया है तो यहां पर भी सड़क चलने लायक हो गई है। पहले दोनों साइड कब्जा होने की वजह से बमुश्किल चार से पांच फीट ही सड़क बचती थी। ठेले सड़क पर थे और उसके आगे खरीदारी करने वालों के वाहन होते थे। इसी बीच अगर कोई चारपहिया खड़ा कर दिया तो फिर लगने वाला जाम पीछे हाईवे तक पहुंच जाता