वाशिंगटन, एपी : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कार्यकाल पूरा होने से पहले एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान जेल से रिहा कर घर में नजरबंद किए गए 1,500 कैदियों की सजा कम कर दी है और अहिंसक अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए 39 लोगों को माफी दे दी है।
एक दिन में की गई सबसे बड़ी क्षमादान की घोषणा
एक दिन में की गई यह सबसे बड़ी क्षमादान की घोषणा है। बाइडन ने सजा कम करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह आदेश उन लोगों पर लागू होगा, जिन्होंने रिहा होने के बाद कम से कम एक वर्ष तक घर में नजरबंद रहने की सजा काटी है।
वह आने वाले हफ्तों में और कदम उठाएंगे और क्षमादान याचिकाओं की समीक्षा करना जारी रखेंगे। अमेरिकी इतिहास में क्षमादान की दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई बराक ओबामा के शासनकाल में हुई थी। उन्होंने 2017 में कार्यकाल समाप्त होने से पहले 330 आरोपितों को क्षमादान दिया था।
बाइडन ने अपने पुत्र हंटर को व्यापक क्षमादान दिया था
हाल ही में उन्होंने अपने बेटे हंटर को व्यापक क्षमादान दिया था। बाइडन इस पर भी विचार कर रहे हैं कि क्या उन लोगों को अग्रिम क्षमादान जारी किया जाए जिन लोगो ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को पलटने के ट्रंप के प्रयास की जांच की थी और ट्रम्प के पद संभालने पर संभावित प्रतिशोध का सामना कर सकते हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की अमेरिकी सीनेट में भी गूंज
एक भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस सांसद ने गुरुवार को ताकतवर सीनेट की विदेशी संबंध समिति से अपील की कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा के मामले पर कदम उठाएं। यह मांग सीनेटर मार्को रूबियो को विदेश मंत्री बनाए जाने के फैसले को सुनिश्चित करने की सुनवाई के दौरान की।
नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सांसद मार्को रूबियो को सबसे बड़े राजनयिक पद पर नियुक्त करने के लिए नामांकित किया है, जब कि इसके लिए अभी तक तारीख तय नहीं हुई है।
गुरुवार को भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि सांसद मार्को रूबियो को अगला विदेश मंत्री तय करने की सुनवाई वाले दिन बांग्लादेश में फैली अव्यवस्था के बीच हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों को लगातार निशाना बनाकर उनके खिलाफ की जा रही हिंसा को लेकर मैं विदेश संबंधों की सीनेट कमेटी से इस समस्या के समाधान का आग्रह करता हूं।
सख्त कार्रवाई के कदम उठाने का संकल्प लेना चाहिए
कृष्णमूर्ति ने कहा कि बांग्लादेश के हालात पर सार्वजनिक रूप से चर्चा करके, सांसद रूबियो को इस मुद्दे पर आने वाली सरकार के रुख की पुष्टि करनी चाहिए। इसके साथ ही बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई के कदम उठाने का संकल्प लेना चाहिए।