Lucknow : अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान ने धूमधाम से मनाई अंबेडकर जयंती

AMBEDKAR-JAYANTI

लखनऊ, डॉ.जितेंद्र बाजपेयी : अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) एवं एसबीएम इंटर कॉलेज लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भारत रत्न बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर आज दिनांक 14 अप्रैल, 2025 को “न्याय, समता और सामाजिक सुधार में बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का योगदान” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का आरंभ डॉक्टर बाबासाहेब बी आर आंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं माल्यार्पण से हुआ। इस कार्यक्रम में संस्थान के सदस्य तरुणेश बौद्ध, संस्थान के निदेशक डॉ राकेश सिंह, डॉक्टर धीरेंद्र सिंह, श्री अरुणेश मिश्र, एसबीएम इंटर कॉलेज के प्रबंधक श्री आर.सी. मिश्र, विद्यालय के प्राचार्य श्री सरित घोष तथा शिक्षक-शिक्षिकायें, बौद्ध विद्वानों तथा जन सामान्य ने अपने विचार व्यक्त किए। संस्थान के सदस्य तरुणेश बौद्ध ने बताया कि बाबा साहेब ने उस समय की विषम व विकट परिस्थितियों से जूझते हुए देश से छुआछूत मिटाकर समानता लाने का काम किया।

उन्होंने बताया कि बाबा साहेब समृद्ध भारत का निर्माण चाहते थे और आज हमारी वर्तमान सरकार उसी को साकार करने में लगी है। निदेशक संस्थान डॉक्टर राकेश सिंह ने बताया कि बाबा साहेब डॉ0 भीमराव आंबेडकर जी भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता थे और उनका महत्वपूर्ण योगदान भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और समानता की प्रेरणा थी। उनके द्वारा भारतीय समाज में विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए अवसरों की समानता और न्याय की मांग की गई थी। बाबासाहेब सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत, समता मूलक समाज के निर्माणकर्ता और आधुनिक राष्ट्र के शिल्पकार थे।

आर०सी० मिश्र ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डाला

आर०सी० मिश्र ने बाबा साहब के जीवन पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए बताया की डॉ० अंबेडकर ने सामाजिक और आर्थिक असमानता के खिलाफ संविधान में न्याय के मूल सिद्धांतों को समर्थन किया और विभिन्न समृद्धि क्षेत्रों में समाज के विभिन्न वर्गों को समर्थन दिया। उनका योगदान भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और समानता की बढ़ती समर्थन में महत्वपूर्ण रूप से माना जाता है।

डॉ० धीरेंद्र सिंह ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर जी का ऐसा व्यक्तित्व था जिन्होंने न केवल सदियों पुरानी अनेक रूढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ने का साहस किया अपितु सामाजिक न्याय के ढांचे को मजबूती दी। श्री अरुणेश मिश्र ने बताया कि बाबा साहेब ने राष्ट्र के निर्माण में देश को शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और संघर्ष के मुद्दों पर चिंतन करने का मार्ग प्रशस्त किया।

इस संगोष्ठी के अतिरिक्त कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के लिए “बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर का जीवन” विषय पर निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आयोजित प्रतियोगिता में 200 से अधिक बच्चों ने प्रतिभागिता की। चित्रकला प्रतियोगिता में आर्यापाल कक्षा -9 को प्रथम, रिशु कक्षा-7 को द्वितीय तथा ऋझा गुप्ता कक्षा-8 को तृतीय पुरस्कार तथा पांच अन्य प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।

इसी तरह निबंध प्रतियोगिता में श्रष्टि बर्नवाल कक्षा-9 को प्रथम, नयंशी विश्वकर्मा कक्षा-10 को द्वितीय, श्रेयशी तिवारी कक्षा-10 को तृतीय पुरस्कार तथा पांच अन्य प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सरित घोष ने कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों, विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

India’s cricketers will score 200 against New Zealand Designs of Mehendi for Karwa Chauth in 2024 Indian Women’s T20 World Cup Qualifiers Simple Fitness Advice for the Holidays Top 5 Business Schools in the World