नई दिल्ली, एजेंसी : मालदीव का भारतीय लोगों द्वारा बहिष्कार किये जाने के बाद उसकी हालत पतली हो गई है। अब मालदीव की अकल ठिकाने लग गयी है। जबकि , मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने मालदीव पर भारत के बहिष्कार के आह्वान के प्रभाव पर चिंताएं व्यक्त किया हैं।
भारत के दौरे पर आए नशीद ने मालदीव के लोगों की तरफ से माफी मांगते हुए भारतीय पर्यटकों से मालदीव का दौरा जारी रखने की अपनी इच्छा पर बल दिया। मालदीव पर बहिष्कार के प्रभाव के बारे में हुए नशीद बोले ,
इस कारण मालदीव पर बहुत गलत असर पड़ रहा है और मैं वर्तमान समय में भारत में हूं। मैं इस बारे में बहुत चिंतित हूं। मैं कहना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को इस पर खेद है।” हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं और हमारे आतिथ्य में कोई कमी नहीं होगी ।’
प्रकरण सुलझाने की अपील
पूर्व राष्ट्रपति नशीद ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को हटाने के लिए वर्तमान राष्ट्रपति द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की प्रशंसा किया। नशीद ने एनएआई से बोले, “मुझे ऐसा लगता है कि इस प्रकरण को सुलझाया जाना चाहिए और हमें कई बदलाव करने चाहिए और अपने सामान्य रिश्ते पर वापस जाना चाहिए।”
नशीद ने पिछली चुनौतियों के दौरान भारत के जिम्मेदार दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए बोले कि जब मालदीव के राष्ट्रपति चाहते थे कि भारतीय सैन्यकर्मी चले जाएं, तो आप जानते हैं कि भारत ने क्या किया? भारत ने अपनी बांहें नहीं तानी । भारत ने ताकत का प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन मालदीव की सरकार से बस इतना ही कहा, ‘ठीक है, आइए उस पर वार्ता करें।”
राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की बात गलत
डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टरों पर विगत की चर्चाओं के बारे में बोलते हुए नशीद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से बातचीत बंद करने का आग्रह करते हुए कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रपति मुइज्जू ने ये चर्चाएं किया । मैं मुइज्जू को फोन पर बात करूंगा कि कृपया डोर्नियर उड़ान और हेलीकॉप्टरों पर इन चर्चाओं को रोकें।”