धार, संवाददाता : धार की ऐतिहासिक भोजशाला में आठवें दिन का सर्वे भी पूर्ण हो चुका है। 22 मार्च शुक्रवार को इस सर्वे की शुरुआत हुई थी। सर्वे के तहत अब तक मूल रूप से नींव के संबंध में जानकारी मालूम हो पाई है। इधर दोपहर को 1 से 3 बजे के बीच में नमाज भी पढ़ी जा चुकी थी । नमाज के लिए कड़ी व्यवस्था की गई थी। मोबाइल अंदर ले जाने पर प्रति बंधित था। नमाज पढ़ने के बाद शहर काजी वकार सादिक बोले भोजशाला का कक्षा 1997 तक मुस्लिम वर्ग के पास था।
रिफ्लेक्टर के उपयोग के साथ फोटोग्राफी की गई
सबसे ख़ास बात यह है कि फिल्म में जिन रिफ्लेक्टरों और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, उन रिफ्लेक्टर का उपयोग करते हुए वीडियोग्राफी और एक एक फोटो की जा रही है। जिससे कि भोजशाला के पाषाण पर उकारे गए हर चिन्ह को स्पष्ट रूप से सहेजा जा सके। रिफ्लेक्टर के उपयोग के साथ फोटोग्राफी की गई। अन्य वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग इसमें किया गया है। 7 दिनो में औसत रूप से 50 घंटे का सर्वे पूर्ण हो चुका है।
भोजशाला में ऐसा पहली बार हुआ है। जब 50 मीटर के दायरे में जो धरोहरे हैं, उनको भी डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित किया जा रहा है। गुरुवार को भोजशाला में तीन स्थानों पर खुदाई जारी रही। जिसमे सीढ़ी से उतरकर अवशेषों को निकालने का कार्य किया गया।
भोजशाला की फोटोग्राफस को लेकर विशेष रूप से नई तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जिस तरह से फिल्म स्टार के फोटो लेने के लिए यह डॉक्यूमेंट्री बनाई जाती है, उसमें रिफ्लेक्टर का उपयोग किया जाता है। सफेद व् काले पर्दों का उपयोग किया जाता है, उसका उपयोग इसमें किया गया है। इस तरह से सूर्य की रोशनी भोजशाला के पाषाणों पर प्रकाश डाला जा रहा है। और उससे उसकी डिटेल को कैमरा से फोटो और वीडियो के रूप में कैद की गई।