बीजापुर, संवाददाता : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलिरयों का गढ़ कहे जाने वाले कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय बलों के संयुक्त रूप से 21 अप्रैल से 11 मई 2025 तक चलाए गए 21 दिनी नक्सल विरोधी अभियान में कुल 31 वर्दीधारी नक्सली मारे गए हैं। इनमें 16 महिलाएं शामिल हैं। सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के चार तकनीकी इकाइयों को नष्ट किया है, जिनका उपयोग बीजीएल शेल, देषी हथियार, आईईडी और अन्य घातक हथियारों के निर्माण के लिए किया जा रहा था।
नक्सल अभियान के दौरान नक्सलियों के 216 ठिकानों और बंकरों को ध्वस्त किया गया। वहीं भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री जब्त की गई है। यह अभियान छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार की ओर से संयुक्त रूप से संचालित किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान का उद्देश्य माओवादियों की सशस्त्र क्षमता को समाप्त कर राज्य के विकास को गति देना है।
पहाड़ी को बनाया सुरक्षित ठिकाना
बता दें कि कर्रेगुट्टा पहाड़ी छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना के मुलुगू जिले की सीमा पर स्थित है। इसे माओवादी संगठन वर्षों से अपनी सुरक्षित शरणस्थली के रूप में प्रयोग कर रहे थे। इस 60 किलोमीटर लंबे और अत्यंत दुर्गम क्षेत्र में पीएलजीए बटालियन की टेक्निकल यूनिट सहित लगभग 300-350 माओवादी सक्रिय थे। यहां से देसी हथियार, आईईडी और बीजीएल शेल तैयार किए जा रहे थे।
300-350 आर्म्ड काडर्स सहित पीएलजीए की शरणस्थली थी पहाड़ी
करेगुट्टालू पहाड़ी लगभग 60 किमी लम्बा एवं 5 किमी से लेकर 20 किमी चौड़ा अत्यन्त दुष्कर पहाड़ी क्षेत्र है। उक्त पहाड़ी की भौगोलिक परिस्थिति काफी कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है। माओवादियों ने विगत् ढ़ाई वर्ष में धीरे-धीरे पहाड़ी में अपना बेस तैयार किया, जिसमें उनके लगभग 300-350 आर्म्ड काडर्स सहित पीएलजीए बटालियन की टेक्निकल डिपार्टमेन्ट (टीडी) यूनिट एवं अन्य महत्वपूर्ण संगठनों की शरणस्थली थी।
ये हथियार मिले
अभियान के दौरान माओवादियों की 4 तकनीकी इकाइयों को भी नष्ट किया गया, जहाँ से 4 लेथ मशीनें, 450 नग आईईडी, 818 बीजीएल शेल, 899 बंडल कार्डेक्स, डेटोनेटर और भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। इसके अतिरिक्त राशन, दवाइयां और दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद हुईं।
21 दिनों में 31 नक्सली मारे गये
लगातार 21 दिनों तक चले इस नक्सल अभियान में कुल 21 मुठभेड़ें हुईं। 3 शव 24 अप्रैल, 1 शव 5 मई, 22 शव 7 मई और 5 शव 8 मई को बरामद किए गए। अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के 18 जवान आईईडी विस्फोटों में घायल हुए। हालांकि सभी जवान खतरे से बाहर हैं और उन्हें बेहतर इलाज प्रदान किया जा रहा है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान के बावजूद जवानों ने साहस और धैर्य के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया।
साल 2025 के चार महीने में 174 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद
वर्ष 2025 के शुरुआती चार महीनों में राज्य में कुल 174 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किए गए हैं। सुरक्षा बलों की मजबूत पकड़ के चलते माओवादी संगठन बिखर रहे हैं और छोटे-छोटे समूहों में विभाजित हो रहे हैं। बीजापुर के नेशनल पार्क क्षेत्र और नारायणपुर के माड़ क्षेत्र में भी ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य शासन का उद्देश्य माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में आमजनों का विश्वास अर्जित करते हुए समावेशी विकास सुनिश्चित करना और समयबद्ध रूप से माओवाद का समूल उन्मूलन करना है।