आगरा ,संवाददाता : ब्रज की काशी कहे जाने वाले बटेश्वर में आखिरी शाही स्नान के दौरान नागा साधुओं ने अद्भुत युद्ध कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान श्रद्धालु दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गए।
बटेश्वर को पांचवें कुंभ का दर्जा दिलाने के लिए पिछले 33 साल से मुहिम चला रहे महामंडलेश्वर बाबा बालकदास के नेतृत्व में शुक्रवार को तीसरा एवं आखिरी शाही स्नान हुआ। सुबह 8 बजे चारों संप्रदायों के संत एवं नागा अपने अखाड़ों से निकलकर तीर्थ की परिक्रमा में शामिल हुए।
शौरीपुर बटेश्वर के देवालयों के दर्शन पूजन किए, घुड़सवार पुलिस के साए में विभिन्न आश्रमों पर पहुंचे, स्वागत सम्मान के साथ ही संतों ने अपने अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन किया। नगाड़े और बाजे की धुन पर किए गए हैरतअंगेज प्रदर्शन को देखने वाले श्रद्धालु दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गए। करीब 7 किमी की परिक्रमा के बाद शिव मंदिर श्रृंखला के घाट पर पहुंचे। यमुना नदी में शाही स्नान के बाद ब्रह्मलाल जी महाराज की पूजा की गई। शाही स्नान के बाद बाबा बालकदास ने यमुना का आंचल मेला न करने का श्रद्धालुओं को संकल्प दिलाया।
उन्हाेंने कहा कि मेले के बाद प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मिलकर बटेश्वर को पांचवें कुंभ का दर्जा दिए जाने की मुहिम से अवगत कराएंगे, संतों की भावना के अनुरूप तीर्थ को कुंभ का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव सौंपेंगे। उन्होंने जल्द ही 33 साल की साधना के स्वीकार होने की उम्मीद जताई है। अयोध्या और बनारस की तर्ज पर बटेश्वर के विकास को सराहने के साथ ही यमुना पर पक्के पुल की मांग भी सरकार के सामने रखेंगे।
बटेश्वर में यमुना स्नान को उमड़े श्रद्धालु
ब्रज की काशी बटेश्वर में शुक्रवार को अगहन की दौज के स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। शिव मंदिर श्रृंखला के घाटों पर श्रद्धालुओं ने यमुना नदी में डुबकी लगाई, दीपदान किया। मंदिर से लेकर यमुना तक किए गए दीपदान के दौरान हर हर बम बम एवं यमुना मैय्या के जयकारे लगे। एसडीआरएफ की मुस्तैदी के चलते स्नान के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। दिन भर स्नान और ब्रह्मलाल जी मंदिर में पूजा का सिलसिला चला। सीसीटीवी कैमरे से चैन स्नेचर और जेब कतरों पर नजर रखी गई
ब्रह्मलाल जी मंदिर में प्रवेश करने में नाकाम रहे श्रद्धालुओं ने गौरी शंकर मंदिर में पूजा कर अपनी सुख समृद्धि की कामना की। बटेश्वर के 44 शिव मंदिरों में दिन भर धार्मिक अनुष्ठान हुए। मंदिर के पुजारी जय प्रकाश गोस्वामी, राकेश वाजपेयी ने बताया कि ब्रह्मलाल जी मंदिर के अलावा श्रद्धालुओं ने पातालेश्वर महादेव मंदिर, रामेश्वर महादेव मंदिर, मोटेश्वर महादेव मंदिर, जागेश्वर महादेव मंदिर, पंचमुखी महादेव मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान कराए। संतों के अखाड़ों में भी धार्मिक अनुष्ठान एवं भंडारे हुए। मेला क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने रोजमर्रा के जीवन में प्रयोग आने वाले सामान की जम कर खरीददारी की।
अखाड़ों में पहुंची जिला पंचायत अध्यक्ष, संतों का किया सम्मान
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया विभिन्न संप्रदाय के संतों के अखाड़े में पहुंची। मेले की प्रबंध और व्यवस्थाओं का उनसे फीड बैक लिया। काॅरिडोर के विकास के बाद संतों ने अखाड़ों के लिए स्थाई जमीन उपलब्ध कराए जाने की मांग रखी। उनको साल ओढ़ा कर सम्मानित किया। संतों ने महिला जिला पंचायत अध्यक्ष को ढेर सारा आशीर्वाद दिया। बुलंदशहर के रामानंद सरस्वती एवं बाल विदुसी ज्योति ने उनको आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने बताया कि जिला पंचायत ने बेहतर व्यवस्थाएं की हैं।
